प्रत्येक नागरिक को अपने कर्तव्यों एवं अधिकारों को जानना चाहिए: अधिवक्ता डॉ. विक्रम पिप्पल

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आर्थिक स्थिति ठीक नहीं तो न्याय से वंचित न रहे इसलिए नि:शुल्क विधिक सहायता उपलब्ध कराई जाती है अधिवक्ता डॉ.विक्रम पिप्पल और उनकी टीम द्वारा


शिवपुरी।
वर्तमान हालातों में न्याय से वंचित हो रहे ऐसे व्यक्ति जिन्होंने कोई अपराध हीं नहीं किया और उन्हें जेल की हवा खानी पड़ी, क्योंकि वह न्याय प्रक्रिया में कमजोर थे तथा वह अपने अधिकारों को नहीं जानते और ना ही उन्हें सरकार द्वारा विधिक सहायता मिल पाती ऐसे गरीब, पिछड़े, असहाय, पीड़ित, शोषित वर्गों को न्याय दिलाने के लिए खंडपीठ ग्वालियर हाईकोर्ट में शासकीय पैनल अधिवक्ता डॉ.विक्रम पिप्पल और उनकी टीम द्वारा नि:शुल्क विधिक सहायता उपलब्ध कराई जाती है ताकि इन सभी लोगों को न्याय मिल सके, क्योंकि यह ऐसा वर्ग है कि न्याय से वंचित रह जाता है। 

गत दिनों शिवपुरी के एक निजी होटल में मीडियाकर्मियों से चर्चा के दौरान अधिवक्ता डॉ विक्रम पिप्पल ने बताया कि अक्सर लोगों में यह धारणा बनी रहती है कि हम प्राइवेट वकील कर लेंगे तो हमें समुचित न्याय मिल पाएगा। कुछ लोग प्राइवेट वकील भी कर लेते हैं परंतु एक वर्ग ऐसा भी हैं जो प्राइवेट वकील नहीं कर पाते हैं हालांकि ऐसे वर्ग के लिए शासन द्वारा विधिक सेवा प्राधिकरण भी है जो इनकी निःशुल्क पैरवी करता है। परंतु कुछ लोग किन्हीं कारणों के चलते विधिक सेवा प्राधिकरण की दहलीज पर पहुंच नहीं पाते हैं उन्हें निजी अधिवक्ता की आवश्यकता होती हैं और वे अपनी पैरवी एक प्राइवेट वकील से कराना चाहते हैं तो ऐसे लोगों के लिए हम निःशुल्क पैरवी करते हैं। ताकि पैसों के अभाव में लोग न्याय से वंचित न रहे। हाईकोर्ट अधिवक्ता डॉ पिप्पल का मानना है कि मानवता ही सबसे बड़ा धर्म है और मानवीयता के साथ साथ संवेदनशीलता भी होना बहुत जरूरी है। मेरा कहना तो यही है कि प्रत्येक वकील हीं क्यों नागरिक में लोक कल्याण का भाव होना चाहिए ताकि हमारा राष्ट्र और मजबूत समृद्ध बनेगा। इस विचारधारा को आगे बढ़ाने के लिए डॉ पिप्पल ने अपनी टीम का निर्माण किया और लोगों की सेवा करने में जुट गए। असक्षम व्यक्ति का न्याय प्रक्रिया से विश्वास उठ जाता है कि इसमें हमें न्याय नहीं मिल पाएगा और यह न्याय प्रक्रिया सिर्फ और सिर्फ अमीरों के लिए हैं हमारे द्वारा असक्षम व्यक्ति को न्याय दिलाने का हर संभव प्रयास किया जाता हैं। वर्तमान दौर को देखते हुए देश के प्रत्येक नागरिक को अपने कर्तव्यों और अधिकारों को जानना चाहिये। गौरतलब है कि यह भारतीय संविधान के शिल्पकार, स्वतंत्र भारत के प्रथम कानून मंत्री बाबा साहब डॉ भीमराव अम्बेडकर के आदर्श तथा उनके विचारों पर चलने का प्रयास कर रहे हैं। त्याग, तपस्या, समर्पण कर युवाओं को मार्गदर्शन और सादगीपूर्ण जीवन व्यतीत करने का संदेश देते हैं विधिक सहायता के साथ साथ यह शोषित व्यक्तियों के सारथी बनकर उनको हर हर संभव मदद करने का प्रयास करते रहते हैं यह एक मानवतावादी एवं समाजसेवी के रूप में भी जानें जातें हैं।

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