बालश्रम समाज के लिए अभिशाप है, जो बच्चे को शिक्षा के अधिकार से वंचित करता है : डीएस जादौन

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जब भी बाल श्रमिक देखें तो पुलिस या प्रशासन को सूचित करें


शिवपुरी।
बालश्रम बच्चों के लिए एक गंभीर समस्या है, जो उनके स्वास्थ्य, शिक्षा और विकास पर गंभीर रूप से नकारात्मक प्रभाव डालती है। बालश्रम बच्चों को उनके अधिकारों से वंचित करता है। हमें बच्चों को उनके अधिकारों से वंचित होने से रोकना होगा, उन्हें शिक्षा प्रदान करनी होगी और उन्हें सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण उपलब्ध कराना होगा। यह बात विश्व बालश्रम निषेध दिवस पर महिला एवं बाल विकास तथा ममता संस्था के सहयोग से आयोजित जागरूकता कार्यक्रम में जिला कार्यक्रम अधिकारी डीएस जादौन ने कही। 

उन्होंने कहा कि बच्चों के विकास के लिए शिक्षा बेहद जरूरी है, बालश्रम उन्हें शिक्षा के अधिकार से वंचित करता है। जिससे वह बुनियादी साक्षरता और कौशल से वंचित रह जाता है। कार्यक्रम में बाल संरक्षण अधिकारी राघवेंद्र शर्मा ने बताया कि खेलने और पढऩे की उम्र में काम के कारण बच्चों को विभिन्न स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होती हैं, जैसे कि चोटें, फेफड़ों की बीमारी, त्वचा रोग और कुपोषण के अलावा बच्चे नशीली बस्तुओं के संपर्क में आ जाते है, जिससे उनका शारिरिक और मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित होता है।

शिक्षा का अभाव

बाल श्रम बच्चों को स्कूल जाने से वंचित करता है, जिससे वे बुनियादी शिक्षा और कौशल से वंचित रह जाते हैं। बालश्रम बच्चों को मानसिक रूप से कुंठित कर देता है, उन्हें बचपन का सामान्य विकास नहीं मिलने देता और उन्हें भावनात्मक चोट पहुँचाता है। बाल श्रमिकों को उनके मालिकों द्वारा शोषण का शिकार बनाता है, उन्हें कम वेतन पर अधिक काम करने और अपमानजनक व्यवहार का सामना करना पड़ता है। कार्यक्रम के दौरान ममता संस्था की समन्वयक कल्पना रायजादा ने बालश्रम निषेध कानून के प्रावधानों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बाल श्रम सामाजिक संरचनाओं को तोड़ता है, परिवार और समुदाय की गतिशीलता को बाधित करता है, और अंतर-पीढ़ीगत निर्धनता को बढ़ावा देता है। इसका बच्चों के दीर्घकालिक स्वास्थ्य, शिक्षा और आर्थिक संभावनाओं पर गंभीर रूप से नकारात्मक प्रभाव डालता है, जिससे वे बेहतर भविष्य बनाने में असमर्थ होते हैं।

बालश्रम को रोकने में मदद करें

हम कई होटल, दुकानों और कारखानों में बच्चों को काम करते हुए देखते है। शादियों में लाईट उठाये बच्चे दिख जाते है। अब अगर दिखें तो उनकी सूचना श्रम विभाग के पेंसिल पोर्टल पर ऑनलाइन दर्ज करें या चाइल्ड लाइन नंबर 1098 पर सूचित कर उस बच्चे के विकास में भागीदार बनें।

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