रावत बन्धुओं ने जिलाध्यक्ष जाटव से चर्चा कर बयां की अपने मन की पीड़ा, कोलारस विधायक पर लगाए भ्रष्टाचार के आरोप

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बोले- हालात नहीं सुधरे और उनकी सुनवाई नहीं हुई तो वह 6 जिला पंचायत सदस्यों के साथ देंगे इस्तीफा


शिवपुरी।
इन दिनों जिला पंचायत में भी भाजपा नेताओं के बीच खींचतान खुलकर सामने आ गर्ई है। पड़ोरा के रावत बन्धुओं ने कोलारस विधायक महेन्द्र यादव और उनकी पुत्री जिला पंचायत अध्यक्ष नेहा यादव के विरोध में आज सर्किट हाउस पर जिलाध्यक्ष जसमंत जाटव से चर्चा की और उन्हें अपने मन की पीड़ा से अवगत कराया। वरिष्ठ भाजपा नेता यशपाल रावत और उनके छोटे भाई भूपेन्द्र रावत ने यहां तक अल्टीमेटम दिया कि यदि हालात नहीं सुधरे और उनकी सुनवाई नहीं हुई तो वह 6 जिला पंचायत सदस्यों के साथ पार्टी से इस्तीफा दे देंगे।

जिलाध्यक्ष जसमंत जाटव से चर्चा करने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए यशपाल रावत ने खुलकर कहा कि भाजपा विधायक महेन्द्र यादव क्षेत्र में भ्रष्टाचारियों को संरक्षण दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोलारस क्षेत्र में विशेष कर महाराज के जो नजदीकी लोग है जो कांग्रेस से भाजपा में आए हैं उन्हें नजर अंदाज किया जा रहा है और उन्हें प्रताडि़त किया जा रहा है। श्री रावत कहते हैं कि मैने अमृत सरोवर योजना के तहत चार तालाब बनाए लेकिन उसका पैसा नहीं निकलने दिया। हमने जो सड़केंआरईएस में बनाई उनके पैसे विधायक के दामाद ने निकाल लिए। कोलारस क्षेत्र में जमकर अवैध उत्खनन चल रहा है। सिंध नदी में 15 घाट है उनमें इतना अवैैध उत्खनन चल रहा है कि पूरी नदी खोद दी गई। जलस्तर नीचे चला गया है। इनकी जो भी कोई भी शिकायतकर्ता तो उसे परेशान किया जाता है। कोलारस में अंधे नगरी चौपट राजा वाली कहावत चरितार्थ हो रही है। यह पूरी बात मैने जिलाध्यक्ष के समक्ष रखी है और उन्होंने आश्वासन दिया है कि वह महाराज साहब से उनकी चर्चा कराऐंगे। महाराज साहब का दौरा 16 जून से है।

सिंधिया जी तक उनकी बात पहुंचने नहीं दी जाती

यशपाल रावत और उनके भाई भूपेन्द्र रावत ने कहा कि विधायक महेन्द्र यादव का बजन सत्ता के गलियारे में इस हद तक है कि उनकी जायज बात भी सिंधिया जी के समक्ष नहीं पहुंच पाती। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि श्री सिंधिया के पीए और अधिनस्थ कर्मचारियों से कर्ई बार वह निवेदन कर चुके हैं कि उनकी सिंधिया जी से बातचीत करा दी जाए लेकिन आज तक बातचीत नहीं हुई। भूपेन्द्र रावत बताते हैं कि हमारी बहू भारती रावत जिला पंचायत सदस्य हैं। उनके पिता एम्स में भर्र्ती थे और महाराज की मदद की आवश्यकता थी। लेकिन कम्युनीकेशन के अभाव में मदद नहीं हो सकी। उनका निधन हो चुका है। लेकिन आज तक महाराज के उनके यहां शोक संवेदना व्यक्त करने का कार्र्यक्रम नहीं बना। ऐसी स्थिति में परेशान होकर हमारे समक्ष दो ही विकल्प हैं या तो स्थिति सुधरे अन्यथा हम पार्टी से अपने आपको अलग कर लेंगे।

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