दंगाइयों से निपटने के लिए पुलिस बल ने किया बलवा मॉकड्रिल का अभ्यास

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नारेबाजी करती हुई आई भीड़, समझाइश के बाद भी नहीं मानी, पुलिस ने किया तितर-बितर


शिवपुरी।
पुलिस परेड ग्राउण्ड में एसपी अमन सिंह राठौड़ एवं एएसपी संजीव मुले द्वारा बलवा ड्रिल परेड का आयोजन कर पुलिसकर्मियों को विपरीत परिस्थितियों में भीड़ पर नियंत्रण पाने के लिए तैयार किया जा रहा है। ताकि थाने से लेकर चौकी व विभागीय कार्यालयों में पदस्थ पुलिसकर्मियों को इसका मुख्य रूप से प्रशिक्षण दिया जाए। शुक्रवार को परेड की शुरुआत की गई हैं, परेड में थानों एवं पुलिस लाइन से अधिकारी कर्मचारियों ने भाग लिया। परेड की सलामी एएसपी संजीव मुले द्वारा ली गई। पुलिस अधीक्षक अमन सिंह राठौड़ ने परेड का निरीक्षण किया एवं परेड में अच्छा प्रदर्शन करने व अच्छी वेशभूषा धारण करने वाले पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों को उचित पुरस्कार दिया गया। इसके बाद अभ्यास के दौरान पुलिस व पब्लिक पर पथराव कर रहे दंगाइयों को तितर-बितर कर नियंत्रित करने अभ्यास किया गया।  

बलवा मॉकड्रिल रिहर्सल परेड में पुलिस जवानों की अलग-अलग टीम बनाई गई। जिससे टियर गैस पार्टी, अश्रु गैस पार्टी, लाठी पार्टी, राइफल पार्टी, मेडिकल पार्टी, वाटर कैनन पार्टी को अपना-अपना कार्य तय कर दिशा निर्देश दिए गए। इसके उपरांत विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे लोगों से पुलिस ने बात की एवं समझाने की कोशिश की किन्तु लोगों की भीड़ अचानक उग्र हो गई एवं पुलिस पर पथराव करने लगे। यह देख पुलिस ने पहले उन्हें चेतावनी दी। इसके बाद भी वे नहीं माने तो टियर गैस के गोले दागे व आंसू गैस के गोले छोड़े तब भी प्रदर्शनकारी सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे थे, तब पुलिस द्वारा अनाउंसमेंट कर चेतावनी दी गई, किन्तु प्रदर्शनकारियों को उग्र होता देख कर पुलिस टीम द्वारा लाठीचार्ज भी किया। उपरांत बेकाबू भीड़ को रोकने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान से बचाने के लिए मजिस्ट्रेट के आदेश उपरांत फायर किया गया। जिसमें कुछ प्रदर्शनकारी घायल हो गए एवं कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हुए जिन्हें उपचार हेतु डॉक्टर की टीम द्वारा एम्बुलेंस से तत्काल अस्पताल पहुंचाया गया।

क्षमताओं को परखा

बलवा मॉकड्रिल में दोनों ही भूमिकाओं में पुलिस अधिकारी और कर्मचारी थे। कानून-व्यवस्था को दृष्टिगत रखते हुए तथा विपरीत परिस्थितियों में भीड़ पर नियंत्रण पाने के लिए अमले को प्रशिक्षण देने और अपनी क्षमताओं की परख करने के लिए समय-समय पर इस तरह की मॉकड्रिल आयोजित की जाती है, ताकि कानून व्यवस्था ड्यूटी, धरना-प्रदर्शन इत्यादि के दौरान विपरित परिस्थितियों में पुलिसकर्मी अपने आप को सुरक्षित रखते हुए अपने कर्तव्यों का बखूबी निर्वहन कर भीड़ नियंत्रण एवं कानून व्यवस्था बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सके।

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