शिवपुरी। स्कूली बच्चों की सुरक्षा को लेकर यातायात पुलिस ने सख्त रुख अपनाते हुए शनिवार को बड़ी कार्रवाई की। ओवरलोड ऑटो और टैक्सी चालकों पर शिकंजा कसते हुए 8 वाहनों पर चालानी कार्रवाई कर 10 हजार रुपए समन शुल्क वसूला गया।
पुलिस अधीक्षक के निर्देश और एएसपी के मार्गदर्शन में पोहरी चौराहा, ग्वालियर नाका और करौंदी सम्बैल पर विशेष चैकिंग अभियान चलाया गया। इस दौरान स्कूली बच्चों से भरे कई ऑटो और मारुति वैन नियमों की अनदेखी करते पाए गए। 24 जून को यातायात थाने में ऑटो चालकों की बैठक आयोजित कर उन्हें समझाइश दी गई थी कि बच्चों की क्षमता से अधिक सवारी न करें। इसके बावजूद नियमों का पालन नहीं होने पर यह कार्रवाई की गई। यातायात प्रभारी रणवीर सिंह यादव ने बताया कि ओवरलोड वाहनों की वजह से गंभीर सड़क हादसों का खतरा बढ़ जाता है, जिससे बच्चों की जान को खतरा होता है। सभी चालकों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि क्षमता से अधिक बच्चों को न बैठाएं, अन्यथा आगे भी कार्रवाई जारी रहेगी। इस कार्रवाई में सूबेदार प्रियंका घोष, सूबेदार नीतू अवस्थी और यातायात थाना स्टाफ मौजूद रहा।
शहर में जाम की स्थिति से निपटने में नाकाम यातायात प्रभारी
एक ओर जहां यातायात प्रभारी दुपहिया, तीन पहिया एवं चार पहिया वाहनों पर समय-समय पर चालानी कार्रवाई कर खूब वाहवाही लूटकर अखबारों से लेकर सोशल मीडिया पर सुर्खियों में नजर आते हैं, परंतु इसके उलटा लोगों को सुगम यातायात सुविधा मुहैया कराने में नाकाम साबित हो रहे हैं। शहर के अति व्यस्ततम मार्गों पर आए दिन जाम की स्थिति निर्मित हो रही है। जैसे कि माधवचौक से विष्णु मंदिर रोड, कोर्ट रोड, राजेश्वरी रोड, झांसी तिराहा, बस स्टेण्ड मार्ग, गुरूद्वारा रोड से नीलगर चौराहा मार्ग पर एक दिन में कम से कम दो-चार बार जाम जैसे हालात निर्मित हो ही जाते हंै और मजे की बात तो यह है कि इन मार्गों से राजनेताओं से लेकर पुलिस, प्रशासन, यातायात विभाग के अधिकारीगण गुजरते हैं फिर भी इस व्यवस्था को ठीक करने की कबायद फिलहाल तो नजर नहीं आ रही है। माधवचौक चौराहे पर तो यातायात विभाग के यातायातकर्मी हमेशा ही मौजूद रहते हैं, फिर भी रोजाना एक-दो बार तो तांगा स्टेण्ड वाली दुकानों के सामने मार्ग पर जाम लग ही जाता है। शहर की थीम रोड के हालात भी किसी से छिपे नहीं हैं। रोड के दोनों ओर वाहन बेतरतीब तरीके से खड़े होने से कुछ स्थानों पर जाम अवश्य लग जाता है। यदि इन पर कार्रवाई भी होती है तो सिर्फ एक दिन के लिए और दूसरे दिन से वही हालात निर्मित हो जाते हैं और यातायात विभाग नागरिकों के लिए यातायात व्यवस्था को सुगम बनाने की बजाए सिर्फ चालानी कार्रवाई में मशगूल नजर आता है।