कमलनाथ और सिंधिया के बीच तकरार बढ़ी, बैठक को बीच मे छोड़कर निकले सिंधिया

कमलनाथ के घर में हो रही थी बैठक
नई दिल्ली। मुख्यमंत्री कमलनाथ और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच तकरार बढ़ गई है। दिल्ली में मुख्यमंत्री कमलनाथ के आवास पर हो रही प्रदेश समन्वय की बैठक को बीच में ही छोड़कर ज्योतिरादित्य सिंधिया चले गए हैं। इस दौरान सिंधिया ने कुछ नहीं कहा। लेकिन सिंधिया के बीच में बैठक छोड़कर चले जाने के बाद एक बार फिर से सियासी अटकलें तेज हो गई हैं। इससे पहले प्रदेश दौरे में सिंधिया ने अतिथि शिक्षकों से कहा था कि मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि अगर पांच साल में बचन पत्र की एक-एक बात पूरी नहीं हुई तो आपकी ढाल में बनूंगा और आपकी तलवार भी मैं बनूंगा। 
सिंधिया ने प्रदेश में 13 और 14 फरवरी को अपने दौरे पर कमलनाथ सरकार पर हमला बोला था। सिंधिया ने इस दौरान कमलनाथ सरकार पर हमला करते हुए कहा अगर मैनिफेस्टो का एक भी वायदा अधूरा रहा तो मैं खुद सड़कों पर उतरूंगा। टीकमगढ़ की सभा में सिंधिया ने गेस्ट शिक्षिकों को नियमित करने को लेकर कहा। मैंने चुनाव से पहले आपकी आवाज उठाई थी और यह विश्वास मैं आपको दिलाना चाहता हूं कि आपकी मांग हमारी सरकार के मैनिफेस्टों में अंकित है। वो मैनिफेस्टो हमारे लिए अंग है। अगर मैनिफेस्टो का एक भी अंग पूरा न हुआ तो आप सड़कों पर अपने आप को अकेला न समझना मैं आपके साथ रहूंगा। सिंधिया की बयानबाजी पर कमलनाथ ने सोनिया गांधी से मुलाकात की थी। 
हाल ही में घोषित हुई थी समन्वय समिति 
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने हाल ही में प्रदेश की सत्ता और संगठन के बीच समन्वय को लेकर एक कमेटी का गठन किया था। इस कमेटी में सिंधिया और कमलनाथ भी शामिल हैं। इस कमेटी में 7 लोगों को जगह मिली थी। दीपक बाबरिया इसके अध्यक्ष हैं। इनके अलावा सीएम कमलनाथ, पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह, कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया, अरूण यादव, जीतू पटवारी और मीनाक्षी नटराजन। 
कमलनाथ ने सोनिया गांधी से की सिंधिया की शिकायत 
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कल कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की। इस मुलाकात में दोनों नेताओं के बीच राज्यसभा चुनाव को लेकर चर्चा हुई। यह भी बताया जाता है कि इस बैठक में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ज्योतिरादित्य सिंधिया की ओर से राज्य सरकार की ओर से किए गए ताजा हमले पर भी नाराजगी जाहिर की। कहा जा रहा है कि कांग्रेस के वचन पत्र को लागू किए जाने को लेकर कई नेताओं द्वारा सवाल खड़े किए जा रहे हैं। इस पर भी कमलनाथ ने सोनिया गांधी से चर्चा की। इन दिनों ज्योतिरादित्य सिंधिया लगातार हमलावर हैं और वचन पत्र में किए गए वादों को लेकर भी सवाल उठा रहे हैं। 

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