शोषण एवं अनैतिकता पर गहरी चोट करता है "भाई सा ब" उपन्यास : डॉ. विरही

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गोविंद अनुज के उपन्यास का हुआ विमोचन
शिवपुरी। सुप्रसिद्ध साहित्यकार गोविंद अनुज की दसवीं कृति "भाई सा ब" उपन्यास के तौर पर हमारे सामने है। इस उपन्यास का विमोचन देश के जाने माने आलोचक, लेखक एवं चिंतक डॉ. परशुराम शुक्ल विरही ने अपने निवास पर किया। 
उपन्यास के विमोचन के अवसर पर ख्यातिनाम पत्रकार, लेखक एवं हिंदी में विज्ञान लेखन करने वाले प्रमोद भार्गव ने मुख्य अतिथि के रुप में अपने उद्बोधन में कहा कि लेखक ने "भाई सा ब" उपन्यास के जरिए प्रशासनिक तंत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार की परतें खोली है। आपने कहा कि नैतिक रूप से बेहद लचर एवं कमजोर होती अफसरशाही पर "भाई सा ब उपन्यास पाठकों को चिंतन करने पर मजबूर करेगा। आपने उपन्यास के लेखक गोविंद अनुज को बधाई एवं सुभकामनाएं दी। सुप्रसिद्ध आलोचक एवं साहित्यकार डा. परशुराम शुक्ल विरही ने कहा कि ये उपन्यास बड़े अफसरों के अपने मातहत कर्मचारियों के शोषण की गाथा है इसमें उपन्यासकार ने अनैतिकरुप से धनार्जन को अजागर किया है ये उपन्यास शोषण एवं अनैतिकता पर गहरी चोट करता है। कवि-लेखक अखलाक खान ने गोविंद अनुज की दसवीं कृति "भाई सा ब" उपन्यास पर टिप्पढ़ी करते हुए कहा एक प्रशासनिक पद पर कार्य कर चुके लेखक द्वारा लिखा गया ये उपन्यास निरन्तर अनैतिक होते भ्रष्टतंत्र की सत्यकथा सा लगता है। उपन्यास के लेखक गोविंद अनुज ने अपनी बात रखते हुए कहा कि “भाई सा ब" उपन्यास एक बड़ी कथा है इसे किसी अफसर को अपने पात्र हुड़ने की आवश्यकता नहीं है इस उपन्यास को सिर्फ उपन्यास की तरह ही लेना चाहिए। उपन्यास में लेखक अपने विचारों को विस्तार देने के लिए परिवेश का सहारा लेता है। कार्यक्रम के आरम्भ में आयोजन के अध्यक्ष डॉ. विरही की स्वागत प्रमोद भार्गव, गोविंद अनुज एवं अखलाक खान ने किया।

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