जनसुनवाई में विवाह राशि की मांग को लेकर युवती अधिकारियों पर जमकर बिफरी

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मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत कर रही थी 51 हजार की मांग 
शिवपुरी। जनसुनवाई में आज ख्यावदाकलां से आई एक अविवाहित युवती ने मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत दी जाने वाली 51 हजार रूपए की राशि को लेकर अधिकारियों को आड़े हाथों लिया। उक्त युवती का कहना है कि उसने 19 नबंवर को इस बावत आवेदन दिया था और इसके बाद वह कई बार जनसुनवाई में आई लेकिन उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई और न ही उसे बताया गया कि शासकीय योजना के तहत कब विवाह समारोह होने है। सहायता राशि न मिलने के कारण उसका विवाह अभी तक नहीं हुआ है और न ही उसे पता चला है कि शासकीय रूप से विवाह समारोह कब हो रहे हैं। यहां तक कि पात्र होने के बावजूद भी उसे अन्य शासकीय योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। उसे न तो आवास स्वीकृत किया गया है और न ही उसकी बहन जिसकी 4 वर्ष पहले सरकारी विवाह समारोह में शादी हुई थी, उसे मुख्यमंत्री कन्यादान योजना की राशि नहीं दी गई। जिला पंचायत सीईओ और प्रभारी कलेक्टर एचपी वर्मा ने युवती से कहा कि जब उसका विवाह हुआ ही नहीं है तो उसे सहायता राशि कैसे मिलेगी। 
आज जनसुनवाई में प्रभारी कलेक्टर एचपी वर्मा के पास ख्यावदाकलां की रचना ओझा पुत्री रमेश ओझा उम्र 20 वर्ष नाम की युवती आई और उसने कहा कि आज तक उसे मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत मिलने वाली 51 हजार रूपए की राशि नहीं दी गई है। जबकि उसने आवेदन 19 फरवरी को कर दिया था। इसके बाद वह अनेक बार पंचायत और सरकारी अधिकारियों के चक्कर लगा रही है। उसे यह भी नहीं बताया जा रहा कि सरकारी विवाह समारोह कब हो रहे हैं। राशि न मिलने के कारण उसका विवाह नहीं हो पा रहा है। युवती इतनी भावूक हो गई कि वह फूट-फूट कर रोने लगी। प्रभारी कलेक्टर वर्मा ने उससे पूछा कि वह कहां तक पढ़ी हैं, तो उसने कहा कि मैं तो अनपढ़ हूं लेकिन क्या मुझे शासकीय योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा। उसने चिल्ला-चिल्लाकर कहा कि यदि नहीं दे सकते तो मुझे मना कर देते। श्री वर्मा ने उसे बताया कि उसकी शादी नहीं हुई इसलिए राशि मिलने का सवाल नहीं है। योजना की पात्रता के लिए पहले विवाह होना जरूरी है। इस पर युवती ने कहा कि उसे जानकारी तो दी जाए कि कब विवाह समारोह हो रहे हैं। श्री वर्मा का जबाव था कि विवाह समारोह तो हो गए, तो युवती ने कहा कि उसे जानकारी क्यों नहीं दी गई। क्यों उसे बेवकूफ बनाया जा रहा है। उसकी बहन की चार साल पहले सरकारी समारोह में शादी हो गई थी। लेकिन उसे आज तक मुख्यमंत्री कन्यादान योजना की राशि नहीं मिली। न ही उसे इंदिरा आवास अभी तक स्वीकृत हुआ। 
इनका कहना है
मुझे यदि मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत राशि नहीं मिली तो मैं पीछे नहीं हटूंगी और मैं इसकी शिकायत वरिष्ठ अधिकारियों को करूंगी। योजना के तहत उसने सरपंच को भी आवेदन दिया था। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई और महिला सेकेट्री के पिता पुलिस में कर्मचारी हैं उनकी धोंस देती है। मुझे यह भी नहीं बताया जा रहा कि सम्मेलन कब हो रहे हैं। मेरे बहन का विवाह चार साल पहले विवाह सम्मेलन में हुआ था लेकिन आज तक उन्हें मुख्यमंत्री कन्यादान योजना की राशि नहीं मिली है। उसे इंदिरा आवास भी अभी तक स्वीकृत नहीं किया गया। 
रचना ओझा, निवासी ख्यावदाकलां
युवती बिना विवाह किए मुख्यमंत्री कन्यादान योजना की राशि मांग रही थी, जो नियमानुसार संभव नही है। योजना के तहत पहले विवाह सम्मेलन में शादी होती है और इसके बाद राशि सीधे खाते में आती है। लेकिन वह युवती समझने को तैयार नहीं है। जहां तक उसे इंदिरा आवास स्वीकृत न होने का सवाल है तो सर्वे में जिनके नाम आए हैं, उन्हें आवास दिए जा रहे हैं। अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के आवेदकों को तो आवास स्वीकृत हो गए हैं। जहां तक उसकी बहन को मुख्यमंत्री कन्यादान योजना की राशि न मिलने का सवाल है, तो मैंने इसके परीक्षण के आदेश दे दिए हैं। 
एचपी वर्मा, जिला पंचायत सीईओ एवं प्रभारी कलेक्टर 
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