क्या राजनैतिक आधार पर हुई रवानगी अथवा गरीब ठेले वालों का चालान काटने की मिली सजा
शिवपुरी। कोतवाली टीआई बादाम सिंह यादव के अचानक भोपाल स्थानांतरण के कारण उनके पक्ष और विपक्ष में सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है। ट्रांसफर क्या एक सामान्य प्रक्र्रिया के तहत हुआ अथवा इसके मूल में राजनीति है यह बहस का विषय बना हुआ है। टीआई यादव के पैरवीकारों का कहना है कि एक भाजपा नेता से विवाद के कारण उनकी विदाई हुई है। जबकि दूसरे पक्ष का कहना है कि कोरोना काल में लॉकडाउन के कारण गरीब सब्जी वालों और फल वालों के चालान काटने की उन्हें सजा मिली है। सोशल मीडिया पर एक फोटो भी वायरल हो रहा है। जिसमें टीआई यादव भाजपा नेता अजीत जैन का चालान काटते हुए दिखाई दे रहे हैं और अजीत जैन उन्हें चालान की राशि सौंप रहे हैं।
श्री यादव के पैरवीकारों का कहना है कि यदि राजनैतिक आधार पर इसी तरह से अधिकारियों के स्थानांतरण होते रहे तो अधिकारियों का कार्य करना मुश्किल हो जाएगा और वह जनहित के वजाए सिर्फ नेताओं की अपेक्षाओं को पूरा करने में जुट जाएंगे। फेसबुक पर श्री यादव के पक्ष में पोस्ट लिखने वालों ने प्रतिक्रिया व्यक्त की है कि जिस अधिकारी ने कोरोना काल में अपनी सक्रियता से जनता को बचाया, उसका इस तरह से अपमानित ढंग से स्थानांतरण नहीं होना चाहिए था। इस सिलसिले में भाजपा प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य अजीत जैन जो कि गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के नजदीकी हैं, ने अपनी प्रतिक्रिया में बताया कि वह गरीब ठेले वाले और सब्जी वालों के चालान काटे जाने से दुखी थे और उन्होंने इस संबंध में अपनी आपत्ति टीआई को दर्ज कराई तो वहां मौजूद एक पुलिस अधिकारी ने उन्हें डपटते हुए कहा कि यह भी मास्क नहीं पहना है और इसका भी चालान काटो। इस पर श्री जैन ने कहा कि मैंने फिर भी चुप्पी साधी और बिना किसी हिचक के अपना चालान कटाया। श्री जैन यह अवश्य कहते हैं कि मैेंने इसकी शिकायत पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से की और उन्हें बताया कि लॉकडाउन मेें किस असंवेदनशीलता से अधिकारियों द्वारा काम किया जा रहा है। मुझे नहीं पता कि टीआई यादव का मेरी शिकायत के कारण ट्रासंफर हुआ है अथवा सामान्य प्रक्रिया के तहत उनका स्थानांतरण किया गया है।


