बैजू गैंग से पुलिस की मुठभेड़, एक डकैत पकड़ा, अपहृत को कराया मुक्त, दो डकैत भागने में हुए सफल

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दोनों ओर से 50 से अधिक राउंड हुए फायर, डकैत से रायफल और कारतूस बरामद, मंगलवार की दोपहर डकैतों ने 10 लाख की फिरौती की मांग कर चरवाहे का किया था अपहरण 



शिवपुरी।
कोलारस के गोरा टीला के जंगलों में सिंध नदी के किनारे आज सुबह राजस्थान के बैजू गुर्जर गैंग से पुलिस की मुठभेड हो गई। जिसमें पुलिस ने एक डकैत को मुठभेड़ के बाद पकड़ लिया और अपहृत मुंशीराम रेवाडी को मुक्त करा लिया। हालांकि दो डकैत पुलिस को चकमा देकर भागने में सफल रहे। मुठभेड़ के दौरान दोनों ओर से 50 से अधिक राउंड फायर किए गए। पुलिस ने पकड़े गए डकैत से थ्री नोट थ्री की एक रायफल और कारतूस जप्त किए हैं। गैंग के तीन सदस्य अपहृत को सिंध के किनारे होते हुए जिले की सीमा पार करने की जुगत में थे। लेकिन एसपी राजेश सिंह चंदेल के निर्देश के बाद पूरे जिले की सीमाएं सील कर दी गईं और जिन क्षेत्रों में डकैतों के मूवमेंट रहे उन क्षेत्रों की पुलिस को सक्रिय किया गया जिसके कारण डकैत जिले से बाहर नहीं जा सके। वहीं कोलारस टीआई संजय मिश्रा और एडी टीम ने भी जंगलों में डेरा डाल लिया था और पुलिस की इसी सक्रियता के चलते डकैत जिले की सीमा से बाहर नहीं जा सके और पुलिस ने शॉर्ट एनकाउंटर के बाद एक डकैत को पकडऩे में सफलता हासिल की और अपहृत को सकुशल मुक्त करा लिया।

 ज्ञात हो कि सोमवार की दोपहर मुंशीराम रेवाड़ी और गनपत जाट को राजस्थान के बैजू गैंग के तीन सदस्यों ने अपहरण कर जंगल में रखा था। इसके बाद गनपत जाट को बदमाशों ने 10 लाख की फिरौती लाने के लिए उसे छोड़ दिया था। शाम के समय गनपत थाने पहुंचा। जहां उसने मुंशीराम रेवाड़ी के अपहरण की जानकारी पुलिस को दी। इसके बाद पुलिस की टीमें जंगल में उतर गर्इं। वहीं सुरवाया, रन्नौद, बम्हारी, कोलारस, दिनारा, करैरा सहित सभी थानों की पुलिस सक्रिय हो गई और जंगलों में डकैतों की तलाश में लग गई। रातभर चली सर्चिंग के बाद आज सुबह करीब 7 बजे पुलिस टीम को सिंध नदी के किनारे चार लोग दिखाई दिए। जिन पर हथियार भी थे। जैसे ही डकैतों को पुलिस टीम को देखा तो वह नदी के किनारे पड़ी चट्टानों के पीछे छिप गए और पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। अचानक फायरिंंग शुरू होने से पुलिस भी बचाव की स्थिति में आ गई और आत्मरक्षार्त हेतु पुलिस ने जबावी कार्रवाई शुरू की। एसपी राजेश सिंह चंदेल के अनुसार पुलिस की ओर से लगभग 26 राउंड फायर किए गए। जबकि डकैतों की ओर से भी 12 बोर और 303 रायफल से  लगभग 20 राउंड फायर किए गए। पुलिस की ओर से जबावी कार्रवाई इतनी तीव्र थी कि डकैत बचाव की स्थिति में आ गए और दो डकैत किसी तरह बडी-बड़ी चट्टानों के बीच छिपकर वहां से भाग गए। जबकि एक डकैत को पुलिस ने चारों ओर से घेर लिया। इसके बाद पुलिस ने उसे पकड़ लिया और उसके पास से थ्री नोट थ्री की एक रायफल व कारतूस जप्त कर लिए। पुलिस ने डकैतों के चंगुल से अपहृत मुंशीराम को सकुशल मुक्त करा लिया। डकैत और पुलिस के बीच हुई मुठभेड़ को देखकर मुंशीराम काफी घबराया हुआ था। जिस कारण वह कुछ भी नहीं कह पा रहा है। फिलहाल पुलिस ने उसे सुरक्षित स्थान पर भेज दिया है। एसपी श्री चंदेल का कहना है कि अभी दो डकैतों की तलाशी की जा रही है। 

बैजू गुर्जर गैंग से अलग होकर दूसरा गैंग बनाने की कर रहे थे तैयारी 

सूत्र बताते हैं कि राजस्थान का बैजू गुर्जर गैंग पर राजस्थान सहित शिवपुरी और ग्वालियर में कई मामले दर्ज हैं। गैंग का मुखिया बैजू उर्फ बैजनाथ पुत्र मेहताब गुर्जर निवासी बरेला का पुरा मजरा धौलपुर राजस्थान है। जिस पर 80 हजार रूपए का ईनाम घोषित किया गया है। बैजू गैंग के यह तीन सदस्य गैंग से दूर हो गए थे और तीनों मिलकर अपना नया गैंग बनाने की तैयारी में थे। इसके लिए उन्होंने छोटी मोटी बारदातों को अंजाम देना शुरू कर दिया। हाल ही में शिवपुरी जिले के बम्हारी थाना क्षेत्र में इन डकैतों ने जंगल में डेरा डाले चरवाहों को पकडऩे का प्रयास किया। लेकिन वह इनके हाथ नहीं लगे। जिनकी तलाश में यह तीनों डकैत रेवाडिय़ों द्वारा बदले गए डेरे को खोजते हुए 20 भुजी माता मंदिर तक पहुंच गए। यहां उन्होंने बारदात को अंजाम दे दिया। डकैतों का उद्देश्य था कि जो भी फिरौती की रकम उन्हें मिलेगी, उसे वह अपने गैंग को बढ़ाने में लगाएंगे। लेकिन उनका यह सपना पूरा नहीं हो सका और आज सुबह हुई मुठभेड़ के बाद एक डकैत के पकड़े जाने से उनके हौसले पुलिस ने पस्त कर दिए हैं। 


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