मोहरा पंचायत में योजनाओं में फर्जीवाड़े की जांच में सौदेबाजी करने के आरोप
शिवपुरी। कोलारस जनपद की ग्राम पंचायतों में हुए भ्रष्टाचार और अनियमितताओं को लेकर कई स्तर पर शिकायतों के बाद भी ग्राम पंचायतों के फर्जीवाडों में जांच के नाम पर जो लीपापोती की जा रही है और अफसरों द्वारा दोषियों को बचाया जा है, उस बात को लेकर आमजनों में प्रशासन में बैठे जिम्मेदार अधिकारियों के प्रति अविश्वास पैदा होता है।
गौरतलब है कि पिछले 15 साल से प्रदेश की सत्ता में काबिज रही भाजपा सरकार के कार्यकाल में जिस प्रकार की जन कल्याणकारी योजनाएं गांव-गांव संचालित की जा रही हैं और जो विकास के कार्य पंच परमेश्वर योजना, मनरेगा, स्वच्छ भारत अभियान, पीएम आवास योजना सहित अन्य मदों के तहत जो विकास कार्य किये जा रहे हैं, उनमें अधिकांश ग्राम पंचायतों में घोर अनियमितताएं बरती गई हैं। इस बात को लेकर पिछले कई सालों से लगातार दर्जनों ग्राम पंचायतों में जागरूक ग्रामीणजन कई स्तर से अपनी शिकायतें लेकर कोलारस जनपद कार्यालय से लेकर जिला पंचायत कार्यालय और कलेक्ट्रेट कार्यालय तक आते रहे हैं। मगर देखने में आया है कि प्रमाणिक दस्तावेज और आरटीआई से जुटाई गई जानकारियों के बाद भी की गई शिकायतों पर दर्जनों ग्राम पंचायतों में करोड़ों के भ्रष्टाचार के खिलाफ जिस स्तर की जांच की जानी थी वह जांच मिलीभगत के चलते नहीं की जा सकी। कोलारस के जनपद विभाग में जांच के नाम पर दोषियों को किस तरह से बचाया जा रहा है, इसका जिताजागता उदाहरण इस विभाग की ग्राम पंचायतें हैं।
यहां अधिकारी कमीशन लेकर जांच को पहनाते हैं अमलीजामा
कोलारस जनपद विभाग के अधिकारियों द्वारा कमीशन के चक्कर में ग्रामीणों की शिकायतों को रद्दी की टोकरी में डाला जा रहा है। ग्रामीणों की नाराजगी जब सड़कों पर दिखेगी, शायद तभी जिम्मेदार अधिकारी जागेंगे और सही जांच करेंगे। पीडित शिकायतकर्ताओं ने तो यह भी कहा कि कोलारस क्षेत्र में भ्रष्टाचार की जांच को अमलीजामा पहनाया जाता है। अधिकारियों द्वारा जांच के नाम पर खानापूर्ति कर भ्रष्ट लोगों से अपना कमीशन लेकर जांच भी ऐसी की जा रही है, जिसमें कोई भी भ्रष्टाचारी फंसे ना। सरपंच, सचिवों द्वारा किये जा रहे निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार में तकनीकी अधिकारी भी संलग्र हैं, जो ठेका प्रथा से निरंतर निर्माण कार्य को अंजाम तक पहुंचा रहे हैं। सरपंच-सचिवों को पूरा संरक्षण देकर बेरोजगार मजदूरों के हक पर डांका अधिकारियों द्वारा डलवाया जा रहा है। पंचायतों में अधिकतर काम मशीनों से सम्पन्न कराये जा रहे हैं। गरीबों को अपने ही गांव में रोजगार न मिलने के कारण वह कोलारस जनपद से बाहर अन्य जिलों व दूसरे राज्यों की ओर पलायन कर रहे हैं।
मोहरा के ग्रामीणों ने निष्पक्ष जांच की उठाई मांग
ग्राम पंचायत मोहरा में बन रही भ्रष्टाचार की सड़क, शौचालय, चेकडैम, सुदूर सम्पर्क सड़क, खेल मैदान, शांति धाम की जांच निष्पक्ष कराई जाए, ऐसी मांग ग्रामीणों द्वारा उठाई गई है। ग्रामीणों ने कहा कि सरपंच, सचिवव रोजगार सहायक द्वारा तकनीकी अधिकारी की गैर मौजूदगी में घटिया निर्माण को अंजाम दिया गया है। लेवर, मिस्त्री समय से पहले निर्माण कार्य को अंजाम देने के चक्कर में घटिया निर्माण कार्य हुए हैं। इन निर्माण कार्यों की जब जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को शिकायत की जा चुकी हैं तो वह इन मामलों में जांच में देरी क्यों करते हुए देखे जा रहे हैं। प्रदेश में सरकार के निगरानी तंत्र के साथ-साथ पंचायत स्तर पर भी पंचायत के पीसीओ, पंचायत इंस्पेक्टर और जनपद सीईओ भी बेजा लापरवाही बरत रहे हैं। कुछ महिनों में कोलारस की दर्जनों पचायतों में भ्रष्टाचार की पोल खुल रही है। सवाल यह है कि आखिर जनपद के अधिकारियों की नाक के नीचे ये सब कैसे हो रहा है। जनपद पंचायत कोलारस की ग्राम पंचायत मोहरा में मनरेगा अन्तर्गत ग्रामीणों को रोजगार की गारंटी देकर पलायन जैसे अभिशाप को रोकने के लिये सुदूर सम्पर्क सड़क का निर्माण शुरू हुआ था। उसी समय लगभग पूर्ण हो चुकी इस सम्पर्क रोड में गुणवत्ता की घोर उपेक्षा की गई है। निर्माण एजेंसी रही ग्राम पंचायत मोहरा ने व्यापक गड़बड़ी कर मशीनों के माध्यम से मिट्टी-मुरुम की गुणवत्ताविहीन सड़क बनाकर रख दी है। जो पांच साल बीतने के बाद भी आज दिनांक तक रोलिंग अपूर्ण कहला रही है। जबकि कथित तौर पर इस मद की कुल राशि में से 97 प्रतिशत से अधिक राशि का भुगतान हो चुका है।
ग्राम पंचयात के द्वारा गुणवत्ताविहीन सड़क निर्माण का आरोप
ग्रामीणों की माने तो सड़क की ऊपरी 4 इंची गिट्टी बिना वाइब्रेटर मशीन के दवाई गई है, इससे सड़क जल्द ही उखड़ जाएगी। ग्रामीणों ने बताया कि नियमानुसार गिट्टी के ठीक तरह से दबने के 10 दिन के बाद इस पर 4 इंची सीमेंट कंक्रीट किया जाना चाहिए था। ताकि सड़क मजबूत बने, लेकिन ग्राम पंचयात ने इसका ध्यान नहीं रखा है।
तय मानकों के अनुसार नहीं हुआ सीसी निर्माण
गौरतलब है कि मोहरा ग्राम पंचायत में जो सीसी सडकों का निर्माण किया गया हैै एवं किया जा रहा है वह तय मानकों के अनुसार नहीं किया जा रहा है, जिससे उसकी गुणवत्ता बहुत ही कमजोर है और वह जल्द ही उखडऩे लगी हैं, सीसी सडकों के निर्माणों में जिम्मेदारों द्वारा जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है। उक्त सीसी सडकों में कई मानकों के अनुसार निर्माण कार्य नहीं किये जाने के कारण यह सीसी सडकें जल्द से जल्द उखडने लगी हैं। सीसी सडकों का उखडऩा ही भ्रष्टाचार उजागर करने के बराबर है। कोलारस जनपद में ऊपर से लेकर नीचे तक सबका कमीशन बंधा है, इसमें मजदूरी करने वालों का पैसा तक मार दिया जाता है।


