15 बदमाशों ने रास्ता रोककर धमकाया, रेत से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉली और हाइड्रा लेकर भागे
शिवपुरी। कोलारस विधानसभा क्षेत्र में रेत माफिया के हौंसले राजनैतिक संरक्षण प्राप्त कर इतने बुलंद हो गए हैं कि रेत माफिया सरकारी टीमों को नहीं वख्श रही। रविवार को माइनिंग विभाग की टीम से माफियाओं ने जब्त किए गए एक ट्रैक्टर-ट्रॉली और हाइड्रा को रास्ते में रोककर छुड़ा लिया। रेत माफिया का दबदबा इलाके में इतना है कि जब माइनिंग इंस्पेक्टर सोनू श्रीवास इसकी शिकायत करने लुकवासा चौकी पहुंचे तो वहां एक प्रभावशाली नेता का फोन आ गया औैर शिकायतकर्ता को चौकी से बैरंग वापस लौटना पड़ा। मामला जब तूल पकड़ा तब रात को कलेक्टर रविन्द्र कुमार चौधरी और एसपी अमन सिंह राठौड़ के हस्तक्षेप के बाद माइनिंग इंस्पेक्टर दोबारा चौकी पहुंचे और फिर आरोपियों के विरूद्ध एफआईआर दर्ज हुई, लेकिन बताया जाता है कि इस मामले में भी आधी अधूरी कार्यवाही हुई है और सिर्फ पांच लोगों पर प्रकरण दर्ज किए गए हैं जबकि पुलिस को पूरे वीडियो साक्ष्य दिए गए हैं जिनमें आरोपियों के चेहरे और वाहन स्पष्ट नजर आ रहे हैं।
कोलारस विधानसभा क्षेत्र में अवैध उत्खन्न धड़ल्ले से जारी हैं और प्रशासन इक्का दुक्का कार्यवाही ही कर रहा है। कल माइनिंग विभाग को पचावली के पास सिंध नदी घाट पर अवैध खनन की सूचना मिली थी। इंस्पेक्टर सोनू श्रीवास अपनी टीम के साथ पहुंचे तो वहां हाइड्रा मशीन से रेत भराई चल रही थी। टीम को देखकर कई वाहन भाग निकले, लेकिन एक ट्रैक्टर-ट्रॉली और हाइड्रा को जब्त कर लिया गया। टीम जब जब्त वाहन लुकवासा पुलिस चौकी ले जा रही थी, तभी पचावली रोड पर दोपहर 3 बजे के आसपास 10-15 लोगों ने वाहन रोक लिया। टीम को धमकाया गया और जब्त किए गए वाहन जबरन छुड़ाकर ले गए। इसके बाद सभी फरार हो गए।
सिंध नदी रिताई घाट पर हुई थी कार्रवाई
माइनिंग इंस्पेक्टर सोनू श्रीवास को पचावली के पास सिंध नदी के रिताई घाट पर अवैध रेत खनन की सूचना मिली थी। वे अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे, जहां हाइड्रा मशीन से ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में रेत भरी जा रही थी। माफिया अधिकांश वाहन भगा ले गए, लेकिन एक ट्रैक्टर-ट्रॉली और हाइड्रा को टीम ने जब्त कर लिया। जब टीम जब्त वाहन लेकर लुकवासा पुलिस चौकी की ओर रवाना हुई, तो पचावली-लुकवासा मार्ग पर करीब ढाई-तीन किलोमीटर पहले ही माफियाओं ने रास्ता रोक लिया। वे 6 बाइक और एक जीप से आए थे। माइनिंग टीम को वाहन से नीचे उतारकर धमकाया और दोनों वाहन ले भागे। इंस्पेक्टर सोनू श्रीवास ने बताया कि माफियाओं ने मारपीट नहीं की, लेकिन डरा-धमकाकर वाहन छुड़ा ले गए। माफिया किसके थे, इसका अभी तक पता नहीं चल पाया है। जब वाहन जब्त किए गए, तब ड्राइवरों से कोई पूछताछ नहीं हो सकी थी। लुकवासा चौकी प्रभारी शिखा तिवारी ने बताया कि माइनिंग अधिकारी चौकी आए जरूर थे, लेकिन कोई लिखित शिकायत नहीं दी गई, इसलिए एफआईआर दर्ज नहीं हुई है। घटना के समय माइनिंग टीम के साथ कोई पुलिस बल भी तैनात नहीं था। यह घटना ऐसे वक्त पर हुई है जब केंद्रीय मंत्री और सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया खुद रेत माफियाओं पर सख्ती के निर्देश दे चुके हैं। बीते महीने दिशा समिति की बैठक में उन्होंने सख्त कार्रवाई के आदेश दिए थे, लेकिन माफिया बेखौफ नजर आ रहे हैं।