हाईकमान के निर्देश पर रद्द हुआ सिंधिया का ग्वालियर संभाग का दौरा !

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एक बार फिर से कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष की दौड़ में उछला सिंधिया का नाम 
शिवपुरी। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया का 5 और 6 नबंवर को ग्वालियर संभाग का दौरा निरस्त हो गया। इस दौरे में वह शिवपुरी जिले में भी आने वाले थे और कांग्रेस के वरिष्ठ पदाधिकारियों, जिला कांग्रेस अध्यक्ष, ब्लॉक अध्यक्ष आदि के साथ उनकी बैठक होने वाली थी। लेकिन अचानक सिंधिया का दौरा रद्द हो गया। सूत्र बताते हैं कि पार्टी आलाकमान के निर्देश के बाद उनका यह दौरा टला है। बताया जाता है कि पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उन्हें दिल्ली बुलाया है और सिंधिया की सूत्रों के अनुसार श्रीमति सोनिया गांधी से बातचीत भी हो चुकी है। मुख्यमंत्री कमलनाथ की भी विदेश जाने से पूर्व सोनिया गांधी से मुलाकात हो सकती है। राजनैतिक हल्कों में चर्चा है कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद के नाम पर सर्वसम्मति बनाने का प्रयास चल रहा है। कांग्रेस के जो वरिष्ठ नेता सिंधिया के नाम का विरोध कर रहे हैं, उन्हें साधने की कोशिश की जा रही है। उधर कमलनाथ सरकार के केबिनेट मंत्री लाखन सिंह का बयान सामने आया है। जिसमें उन्होंने सिंधिया को पीसीसी चीफ बनाने की मांग की है। वहीं सिंधिया समर्थक प्रदेश के कार्यकारी कांग्रेस अध्यक्ष रामनिवास रावत ने प्रदेशाध्यक्ष पद पर देरी को लेकर सवाल उठाए हैं और हाईकमान से मांग की है कि जल्द से जल्द पीसीसी चीफ का फैसला करें। 
सिंधिया का ग्वालियर संभाग का दौरा निरस्त होने से इन चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया है कि प्रदेशाध्यक्ष पद पर सिंधिया के नाम की घोषणा एक दो दिन में हो सकती है। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया ने बयान दिया है कि जल्द ही कांग्रेस को नया प्रदेशाध्यक्ष मिलेगा। प्रदेशाध्यक्ष बनने के लिए सिंधिया और उनके समर्थक भरपूर दबाव बना रहे हैं। सिंधिया प्रदेशभर में घूमकर माहौल बनाने में जुटे हैं और कमलनाथ सरकार पर हमला करने से नहीं चूक रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस आलाकमान चाहता है कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद पर सिंधिया की ताजपोशी हो, लेकिन मुख्यमंत्री कमलनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की एनओसी न मिलने के कारण सिंधिया के नाम की घोषणा नहीं हो रही है। सिंधिया के नाम का विरोध कमलनाथ और दिग्गी खैमा इसलिए कर रहा है कि इससे प्रदेश में सत्ता के दो केन्द्र निर्मित हो जाएंगे। जिससे सरकार चलाने में दिक्कत आएगी। सिंधिया के नाम को काटने के लिए कभी अजय सिंह, कभी बाला बच्चन तो कभी कांतिलाल भूरिया का नाम उछाल दिया जाता है। कांग्रेस के कार्यवाहक प्रदेशाध्यक्ष रामनिवास रावत ने साफ-साफ कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ के पास काम ज्यादा है, जिसके चलते वह संगठन पर फोकस नहीं कर पा रहे हैं। 15 साल बाद कांग्रेस सत्ता में आई है और कांग्रेस कार्यकर्ताओं को सरकार से काफी उम्मीदे हंै। लेकिन बार-बार प्रदेशाध्यक्ष की नियुक्ति में देरी से कार्यकर्ताओं में निराशा बढऩे लगी है। उन्होंने मांग की है कि हाईकमान जल्द ही प्रदेशाध्यक्ष का फैसला करे। रावत का बयान ऐसे समय सामने आया है, जब कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष को लेकर दिल्ली में एक बार फिर से सरगर्मी बढ़ गई है और संभावना है कि जल्द ही पार्टी में पीसीसी चीफ को लेकर सहमति बन सकती है। श्री रावत सिंधिया समर्थक हैं, लेकिन उन्होंने खुलकर प्रदेशाध्यक्ष पद के लिए सिंधिया के नाम का जिक्र नहीं किया है। लेकिन कमलनाथ सरकार में पशुपालन मंत्री लाखन सिंह ने अपनी ही पार्टी के संगठन पर सवाल उठाते हुए सिंधिया को पीसीसी चीफ बनाने की मांग की है। मीडिया से चर्चा के दौरान लाखन सिंह ने कहा कि भले ही हम सरकार में हो। लेकिन संगठन कमजोर है, इसे मेहनत कर मजबूत करने की जरूरत है। जो भी अध्यक्ष बनेगा उसे मेहनत करना पड़ेगी। सिंधिया की पैरवी करते हुए उन्होंने कहा कि सिंधिया युवा है और अगर प्रदेशाध्यक्ष बनते हैं तो संगठन में मजबूती आएगी। देखना यह है कि कांग्रेस को जल्द ही प्रदेश अध्यक्ष मिल सकता है अथवा उसे फिर सर्वसम्मति बनाने के लिए इंतजार करना होगा।
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