एकात्म मानववाद जैसी प्रगतिशील विचारधारा के जनक थे पं.दीनदयाल उपाध्याय : राजू बाथम

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52वीं पुण्यतिथि पर भाजपा ने सभी 22 मंडलों में दी पुष्पांजलि
शिवपुरी। जनसंघ के संस्थापक सदस्य एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष पं.दीनदयाल उपाध्याय की 52वीं पुण्यतिथि पर भाजपा द्वारा पंडित दीनदयाल जी के चित्र पर माल्यार्पण कर नमन किया गया। साथ ही भाजपा द्वारा जिले के सभी 22 मंडलों में पं. दीनदयाल उपाध्याय के तैल्य चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुये कार्यकर्ताओं ने आजीवन सहयोग निधि का समर्पण करते हुये समर्पण दिवस मनाया। 
दीनदयाल उपाध्याय जी की पुण्यतिथि के अवसर पर नगर एवं ग्रामीण मंडल के पुष्पांजलि कार्यक्रम में भाजपा जिलाध्यक्ष राजू बाथम ने कहा कि भारतीय राजनीति में शुचिता, सादगी और सरलता वाले व्यक्तित्व में से एक पंडित दीनदयाल उपाध्याय थे जिन्होंने देश की राजनीती को एक विचारधारा दी। उन्होंने कहा कि 25 सितम्बर 1916 को उत्तरप्रदेश के मथुरा में जन्म लेने वाले पं. दीनदयाल जी का मानना रहा कि समाजवाद, साम्यवाद और पूंजीवाद व्यक्ति के एकांगी विकास की बात करते है जबकि व्यक्ति की समग्र जरूरतों का मूल्यांकन किए बिना कोई भी विचार भारत के विकास के अनुकूल नहीं होगा और पं. दीनदयाल जी ने भारतीयता के अनुकूल पूर्ण भारतीय चिंतन के रूप में एकात्म मानववाद का दर्शन प्रस्तुत किया जो भारतीय जनता पार्टी की विचारधारा का आदर्श है। उन्ही आदर्शो के प्रेरणापुंज पं. दीनदयाल जी की जयंती के अवसर पर हम सभी उन्हें नमन करते हुए उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित करते है। श्री बाथम ने कहा कि दीनदयाल उपाध्याय जनसंघ के राष्ट्रजीवन दर्शन के निर्माता माने जाते हैं। उनका उद्देश्य स्वतंत्रता की पुनर्रचना के प्रयासों के लिए विशुद्ध भारतीय तत्व-दृष्टि प्रदान करना था। उन्होंने भारत की सनातन विचारधारा को युगानुकूल रूप में प्रस्तुत करते हुए एकात्म मानववाद की विचारधारा दी। उन्हें जनसंघ की आर्थिक नीति का रचनाकार माना जाता है। उनका विचार था कि आर्थिक विकास का मुख्य उद्देश्य सामान्य मानव का सुख है। भारत की सनातन विचारधारा को युगानुकूल रुप में प्रस्तुत करते हुए देश को एकात्म मानववाद जैसी प्रगतिशील विचारधारा दी। दीनदयालजी को जनसंघ के आर्थिक नीति के रचनाकार के रूप में भी जाना जाता है। आर्थिक विकास का मुख्य उद्देश्य सामान्य मानव का सुख है यह उनका विचार था। सोनू विरथरे ने कहा कि पं दीनदयाल जी ने मानव कल्याण के लिए अनेक योजनाएं बनाकर अंतिम समय तक उस पर कार्य किया। आपने कहा कि सांस्कृतिक निष्ठा दीनदयाल जी के द्वारा निर्मित राजनीतिक जीवन दर्शन का पहला सूत्र है। उनका मानना था कि भारतीय राष्ट्रवाद का आधार यह हमारी संस्कृति है इस संस्कृति में हम सब की निष्ठा रहेगी तभी भारत एकात्म रहेगा। भारतीय जनता पार्टी द्वारा आज जिले की सभी 22 मंडलों में पंडित दीनदयाल जी की पुण्यतिथि को समर्पण दिवस के रूप में मनाया और कार्यकर्ताओं के द्वारा समर्पण राशि एकत्रित की गई। समर्पण दिवस के अवसर पर सभी मंडलों में जिला पदाधिकारी मंडल पदाधिकारी मोर्चा प्रकोष्ठ के पदाधिकारी एवं बूथ अध्यक्ष व कार्यकर्ता उपस्थित थे। 
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