अंधविश्वास के चलते युवक ने मंदिर में अपनी जीभ काटी, अस्पताल में भर्ती

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सुईगाम। गुजरात के बनासकांठा में भारत-पाकिस्तान सीमा के पास अंधविश्वास में एक युवक ने अजीबो-गरीब घटना को अंजाम दिया है। दरअसल कोरोना को खत्म करने के लिए मध्यप्रदेश के एक श्रमिक ने सुईगाम के नदेश्वरी भवानी माता के मंदिर में अपनी जीभ काट दी। उसका मानना था कि मंदिर में जीभ की बलि देने से कोरोना खत्म हो जायेगा और वह अपने गांव जा सकेगा। सूचना मिलने पर बीएसएफ के अधिकारी पहुंच गये। बीएसएफ ने गंभीर अवस्था में युवक को थराद सिविल अस्पताल में भर्ती कराया है।
यह घटना शनिवार शाम की है। मध्यप्रदेश के अखेपुरा, जिला मुरैना निवासी 25 वर्षीय विवेक उर्फ गोलु रविंदर शर्मा आठ मजदूरों के साथ दो महिने पहले पालनपुर आया था। वह यहां सुईगाम में नंदेश्वरी भवानी माता के मंदिर निर्माण के काम में लगाया गया था। शनिवार शाम को बाजार जाने के लिए वह घर से निकला था। लेकिन वह नदेश्वरी भवानी माता के मंदिर पहुंच गया। जहां उसने ब्लेट से अपनी जीभ काट ली। लहुलूहान अवस्था में मंदिर में ही वह बेहोश हो गया। पुजारियों ने उसे बेहोश देख इसकी सूचना बोर्डर सिक्युरिटी फोर्स (बीएसएफ) को दी। जिसके बाद बीएसएफ के अधिकारी पहुंच गये। उसे तुरंत 108 एम्बुलेंस में थराद सिविल अस्पताल ले जाया गया। उधर घटना की सूचना पाते ही स्थानीय पुलिस का काफिला आ पहुंचा। पुलिस ने युवक के साथ काम करने वाले श्रमिको से पुछताछ की। जिसमें पता चला है कि कोरोना वायरस के कारण हुए लोकडाउन से वे सभी अपने पेतृक गांव नहीं जा पायें है। विवेक भूत-प्रेत व अंधश्रद्धा मे विश्वास रखता है। इसलिए उसने कोरोना के प्रभाव को खत्म करने के लिए नंदेश्वरी मंदिर गया था। शायद उसने अंधविश्वास में आकर अपने जीभ की बलि दी है। पुलिस ने बताया कि विवेक की जीभ भी मंदिर में उसके हाथ में थी। फिलहाल उसकी तबियत स्थिर है, लेकिन वह कुछ भी बोलने की स्थिति में नहीं है। फिलहाल मामले की जड्ड्रच की जा रही है।

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