परिजनों को बताए कम आयु में विवाह के दुष्परिणाम
शिवपुरी। बच्चों को विवाह के पहले शिक्षित बनाना आज के समय में बहुत जरूरी है। विवाह के बाद लड़कियों की पढ़ाई नहीं हो सकती। क्या बच्चों का विवाह कर देना ही माता-पिता का फर्ज होता है। कल अगर उनके सामने कोई मुशीबत आये तो वह अपना भरण-पोषण कर सकें, इसके लिए उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत बनाना जरूरी होता है। कम उम्र में विवाह कर देना बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य और भविष्य को अंधकारमय बना देता है। यह सुझाव पिछोर विकासखंड के सुजावनी गांव में बाल विवाह की सूचना पर पहुंचे परियोजना अधिकारी अरविंद तिवारी ने अवयस्क बालिका के परिजनों को दिया।
बाल विवाह बच्चों के साथ माता पिता के द्वारा की गई क्रूरता है। ऐसे माता-पिता, परिजन, रिश्तेदार सब अपराधी होते है। विवाह से पहले उन्हें स्वस्थ्य- शिक्षित एवं संस्कारवान बनाओ। क्यों उसे बोझ समझकर घर से बाहर करना चाहते हो। जब इस प्रकार परिजनों को समझाया तो परिजनों ने बाल विवाह न करने का संकल्प पत्र लिखकर दिया और टीम को भरोसा दिलाया कि अब उम्र पूरी होने के बाद ही विवाह करेंगे। रविवार को चाइल्ड लाइन नंबर 1098 पर हिम्मतपुर सुजावनी गांव में कंवरिया समाज में बाल विवाह की सूचना पर सोमवार को पहुंची टीम में पिछोर परियोजना अधिकारी अरविंद तिवारी, पर्यवेक्षक वर्षा जैन मौके पर पहुंची उन्होंने सरपंच उषा यादव, पंचायत सचिव एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ता रामदेवी जाटव को भी मौके पर बुलाया। सरपंच एवं पंचायत सचिव ने भी भरोसा दिलाया कि वे बाल विवाह नहीं होने देंगे।


