कलेक्टर ने एडीएम कार्यालय के तीन कर्मचारियों को किया निलंबित

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आरोप है कि प्रभारी डिप्टी कलेक्टर की जानकारी के बिना जारी कर दिया गया ई-पास
शिवपुरी। कल उत्तरप्रदेश के सहारनपुर जिले के देवबंद से ई-पास के जरिए आए युवक मो. सोहिब खान के कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद जिला प्रशासन पर सवाल खड़े हो गए थे कि आखिरकार अवैधानिक रूप से रेड जोन से ग्रीन जोन में लाने के लिए ई-पास क्यों जारी किया गया। नियमानुसार रेड जोन से ग्रीन जोन में लाने के लिए ई-पास जिला प्रशासन द्वारा जारी नहीं किया जा सकता। इस मामले के तूल पकडऩे के बाद आज कलेक्टर अनुग्रह पी ने एडीएम कार्यालय के तीन क्लर्क जो वर्तमान में प्रभारी डिप्टी कलेक्टर  अंकुर गुप्ता के कार्यालय में ई-पास जारी करने के लिए ड्यूटी पर थे, उन्हें निलंबित कर दिया गया है। निलंबित क्लर्क और कम्प्यूटर ऑपरेटरों के नाम हैं- करण भटनागर, विमल श्रीवास्तव और मोहरसिंह आदिवासी को तत्काल निलंबित कर दिया है। पुलिस ने तीनों कम्प्यूटर ऑपरेटरों को तलब कर  उनसे पूछताछ शुरू कर दी है। कलेक्टर अनुग्रह पी का कथन है कि उन तीन कम्प्यूटर ऑपरेटर में से किसी एक ने डिप्टी कलेक्टर अंकुर गुप्ता के डिजीटल हस्ताक्षर का उपयोग कर ई-पास बनाया था और इसकी जानकारी अंकुर गुप्ता को नहीं थी। 
प्राप्त जानकारी के अनुसार कलेक्टर अनुग्रह पी ने अन्य जिलों में फंसे लोगों को लाने के लिए ई-पास हेतु डिप्टी कलेक्टर अंकुर गुप्ता को अधिकृत किया था। श्री गुप्ता पर यह आरोप लगे थे कि वह ई-पास देने में जरूरतमंदों को आनाकानी कर रहे हैं और ग्रीन जोन से ग्रीन जोन में आने वाले लोगों के लिए भी ई-पास नहीं दे रहे हैं। इस पर विधायक वीरेंद्र रघुवंशी ने उनकी शिकायत कलेक्टर अनुग्रह पी से की थी। लेकिन जब ग्रीन जोन से ग्रीन जोन में भी ई-पास इतनी सुगमता से नहीं जारी हो रहे थे तो फिर कैसे रेड जोन से ग्रीन जोन के लिए ई-पास जारी कर दिया गया। यह मामला शायद उजागर नहीं होता यदि देवबंद से आया युवक कोरोना पॉजिटिव नहीं निकलता। युवक के कोरोना पॉजिटिव होने के बाद हड़कम्प मच गया और जिला प्रशासन द्वारा जारी ई-पास पर भी सवाल खड़े होने लगे। इस मामले की आज जिला प्रशासन ने जांच की तो स्पष्ट हुआ कि ई-पास अवैद्यानिक रूप से कार्यालय में पदस्थ किसी लिपिक ने जारी किया है। कलेक्टर अनुग्रह पी का कहना है कि ई-पास जारी करने के लिए संबंधित अधिकारी के डिजीटल हस्ताक्षर कम्प्यूटर में फीड रहते हैं और उसी का इस्तेमाल कर किसी क्लर्क ने ई-पास जारी कर दिया। बताया जाता है कि तीनों युवकों को पुलिस उठाकर ले गई है और उनके मोबाइल की जांच की जा रही है। जिससे स्पष्ट हो सके कि उन्होंने ई-पास के लिए किन-किन लोगों से सम्पर्क किया था। 
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