शिवपुरी ग्रीन जोन होने के बाद भी बाहर फंसे लोगों को लाने के लिए नहीं दिए जा रहे हैं ई-पास

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शिवपुरी। ईश्वरीय कृपा और लॉकडाउन के कारण शिवपुरी ग्रीन जोन में है और यहां वर्तमान में कोरोना का कोई पॉजिटिव केस नहीं है। इसके बाद भी शिवपुरी के बाहर फंसे लोगों को ई-पास देने में आना कानी की जा रही है। सूत्रों के अनुसार संबंधित डिप्टी कलेक्टर अंकुर गुप्ता 100 में से 25 लोगों को ही ई-पास जारी कर रहे हैं। जबकि ग्रीन जोन से ग्रीन जोन में ई-पास देने में किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं है और इन क्षेत्रों की अनुमति चाहने वाले लोगों को शतप्रतिशत पास मिलने चाहिए। जबकि स्थिति यह है कि अभी तक मेडीकल ग्रांउड पर भी ई-पास नहीं दिए जा रहे और ऑनलाईन आवेदनों का भी समय सीमा में ध्यान नहीं रखा जा रहा। जिसके कारण परेशान  लोग कलेक्ट्रेट के चक्कर  लगा रहे हैं और आरोप है कि जिन डिप्टी कलेक्टर अंकुर गुप्ता को ई-पास देने के लिए अधिकृत किया गया है। वह 12 बजे तक कलेक्ट्रेट नहीं पहुंचते। इस संबंध में विधायक वीरेंद्र रघुवंशी ने भी कलेक्टर से शिकायत की है।  श्री रघुवंशी ने बताया कि उन्होंने इस संबंध में डिप्टी कलेक्टर गुप्ता से बातचीत की। लेकिन  जब कोई हल नहीं निकला तो वह कलेक्टर अनुग्रह पी से मिले और कलेक्टर ने उनकी भावनाओं से सहमति व्यक्त करते हुए डिप्टी कलेक्टर गुप्ता को अधिकृत किया कि एक तो आवेदनों का जल्द से जल्द निराकरण हो और दूसरे ग्रीन जोन से ग्रीन  जाने वाले मामले में पास देने में संवेदनशीलता बरती जाए। 
इस तरह से खारिज हो रहे थे ई-पास के आवेदन 
शिवपुरी निवासी कैलाश सोनी ने बताया कि उनकी सास का बिगत दिवस अशोकनगर में निधन हो गया था। जिस कारण वह अपनी पत्नी को लेकर जिला प्रशासन से विधिवत अनुमति लेकर अशोकनगर गए थे। वह तो वापिस लौट आए लेकिन उनकी पत्नी उसकी मां के निधन के कारण 13 दिन तक वहीं रही। तेरहवी के बाद उनकी पत्नी की हालत खराब होने लगी और उन्होंने अपने पति को ले जाने के लिए फोन लगाया।  श्री सोनी ने बताया कि वह तीन बार ऑनलाईन आवेदन कर चुके हैं। लेकिन हर बार उनका आवेदन बिना जांचे परखे खारिज किया जा रहा है। ऐसी असंवेदनशीलता का अन्य लोग भी शिकार हुए हैं। 
बिना किसी कारण के कोई क्यों मांगेगा अनुमति 
लॉकडाउन के कारण सभी जगह व्यवसायिक गतिविधियां ठप हैं। पर्यटन स्थल पर जाने का माहौल भी नहीं है। ऐसे में यदि कोई ई-पास की अनुमति मांग रहा है तो निश्चित रूप से उसकी अनुमति आवश्यक ही होगी। ऐसे में अनुमति न देने और इसमें टालमटोल करने के पीछे का तर्क अबूझ पहेली है। 
इनका कहना है
मेरे संज्ञान में कई ऐसे प्रकरण आए जिनमें मेडीकल ग्रांउड तथा अन्य ग्राउंड  पर लोगों ने ग्रीन जोन से ग्रीन जोन में फंसे अपने परिजनों को लाने के लिए ऑनलाईन आवेदन लगाए। लेकिन उनके आवेदन बिना जांचे परखे निरस्त कर दिए गए। इस पर उन्होंने संंबंधित डिप्टी कलेक्टर गुप्ता से भेंट की। लेकिन जब कोई सकारात्मक हल नहीं निकला तो वह कलेक्टर अनुग्रह पी से मिले और कलेक्टर ने उनकी बातों से सहमति व्यक्त की कि ग्रीन जोन से ग्रीन जोन वाले आवेदनों को शतप्रतिशत अनुमति दी जाए और इसके बाद उन्होंने डिप्टी कलेक्टर गुप्ता को भी निर्देशित किया तथा उनसे कहा कि वह मुझे प्रतिदिन बताएं कि कितने आवेदन आए और कितनों को अनुमति दी गई। उम्मीद है कि आज से ई-पास का आवेदन लगाने वाले शिवपुरी के नागरिकों को राहत मिलेगी। लेकिन यदि अभी भी कोई दिक्कत आए तो मेरे दरबाजे नागरिकों के लिए खुले हैं। 
वीरेंद्र रघुवंशी, विधायक कोलारस 
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