आदिवासी समाज में हो रहा था 15 वर्षीय बेटी का बाल विवाह
शिवपुरी। पवाबसई गांव के आदिवासी समुदाय में 15 वर्षीय बलिका के बाल विवाह की सूचना पर पहुंची टीम ने बालिका के उम्र के दस्तावेज देखने के बाद परिजनों को विवाह नहीं करने का सुझाव दिया। टीम के द्वारा परिजनों को बताया गया कि अभी लड़की की उम्र 15 वर्ष है। विवाह के लिये लड़की की उम्र 18 वर्ष से अधिक होना चाहिये। काफी समझाने के बाद परिजन बाल विवाह न करने को राजी हुए और लिखित बचनपत्र दिया कि अब तीन साल बाद ही विवाह करेंगे।
चाइल्ड लाइन 1098 पर सूचना मिलने के बाद जिला कार्यक्रम अधिकारी देवेंद्र सुंदरियाल ने सेक्टर पर्यवेक्षक सुमन वर्मा, तेंदुआ थाना प्रभारी अरविंद सिंह चौहान, चाइल्ड लाइन समन्वयक वीनस तोमर, आरक्षक विजय शर्मा एवं बलवंत वर्मा तथा चाइल्ड लाइन सदस्य हिम्मत रावत ने मौके पर पहुंचकर परिजनों को समझाया कि यदि लड़की का कम उम्र में बाल विवाह करोगे तो तीन साल के लिये जेल जाना पड़ेगा,इसलिये बेहतर है कि तीन साल बाद उम्र पूरी हो जाये तब विवाह करना। तो परिजनों ने बचन दिया कि अब उम्र पूरी होने पर ही विवाह करेंगे। उल्लेखनीय है कि आदिवासी बाहुल्य पवा बसई गांव में पिछले 40 दिन के भीतर यह छठवा बाल विवाह रोक गया है। इससे पहले भी इसी गांव में 5 बाल विवाह रुकवाए गए है।


