बारिश होने से रास्ते तालाबों में तब्दील, गड्ढों, खाली प्लाटों में पानी भरने से बीमारियां फैलने की आशंका
शिवपुरी। शिवपुरी शहर की सबसे पॉश कॉलोनी में गौतम विहार कॉलोनी, श्रीराम कॉलोनी एवं पीएस होटल के पीछे कॉलोनी का नाम र्निविवाद रूप से लिया जा सकता है। इन कॉलोनियों में पूर्व विधायक, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष, भारतीय ज जनता पार्टी और कांग्रेस के बड़े-बड़े नेता नामी गिरामी चिकित्सक, शासकीय कर्मचारी, पत्रकार, जाने माने समाजसेवी निवास करते हैं। लेकिन इसके बाद भी हालत यह है कि इन कॉलोनियों में समस्याओं का अंबार लगा हुआ है। कॉलोनियों में या तो सड़के नहीं है या सड़के बुरी तरह से जीर्ण शीर्ण हो चुकी हैं। नालियों में टनों मलवा जमा है। थोडी सी बरसात में ही कॉलोनी में कई स्थान पर तालाब बन जाते हैं जिससे बीमारियां फैलने की आशंका बढ़ गई है। नगर पालिका द्वारा सफाई का भी नियमित रूप से इंतजाम नहीं है और कई-कई क्षेत्रों में तो झाडू तक नहीं लगती है। बरसात में भी पानी की समस्या से कॉलोनीवासी जूझ रहे हैं। गंदगी से जनजीवन परेशान है और पूरी कॉलोनी को सूअरों ने अपना ठिकाना बना रखा है। रात होते ही कॉलोनी में अंधेरा छा जाता है। यह स्थिति तब है जब कलेक्टर का निवास स्थान इस कॉलोनी से बिल्कुल लगा हुआ है। शहर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वर्तमान में भाजपा नेता राकेश जैन आमोल इसके लिए नगर पालिका प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को जिम्मेदार ठहराते हैं। जिनके कारण शहर नर्क बना हुआ है। श्री आमोल ने नवोदित कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह से नगर पाालिका की समस्याओं पर ध्यान देने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि कलेक्टर नगर पालिका के प्रशासक हैं और उन्हें इन समस्याओं पर ध्यान कर उन्हें निराकृत करने का प्रयास करना चाहिए।
शहर की श्रीराम और गौतम विहार कॉलोनी एक-दूसरे से बिल्कुल संलग्र है और सर्किट हाउस तथा कलेक्ट्रेट एवं कलेक्टर निवास के बिल्कुल नजदीक है। इसके बाद भी कॉलोनी के नागरिक पानी की एक-एक बूंद के लिए परेशान हैं। कॉलोनी में ट्यूबवेलों के जरिए नगर पालिका द्वारा जल सप्लाई की जाती है। लेकिन पानी की मोटरे एक लंबे समय से खराब पड़ी हुई हैं। कॉलोनीवासी सीएमओ को फोन लगाते हैं। लेकिन उनसे सम्पर्क स्थापित नहीं हो पाता और कभी सम्पर्क स्थापित हो भी जाता है तो जबाव मिलता है कि मंै मीटिंग में हूं आपको वापिस कॉल करता हूं। लेकिन कॉल का सिर्फ इंतजार ही रहता है। एक वरिष्ठ नगर पालिका अधिकारी ने बताया कि तत्कालीन कलेक्टर ने ठेकेदारों के भुगतान पर रोक लगा दी है। ऐसी स्थिति में ठेकेदार मोटर नहीं सुधार रहे। लेकिन जनता को इस स्थिति से क्या मतलब। पानी की मोटरें ठीक न होने के कारण विवेकानंद कॉलोनी, आदर्श नगर, गांधीनगर कॉलोनी आदि में भी पेयजल संकट व्याप्त है। कॉलोनी में कभी-कभी सिंध के जल की सप्लाई भी होती है। लेकिन कब तक पानी मिले और कब बंद हो जाए, इसकी कोई गारंटी नहीं है। बरसात में भी कॉलोनीवासी हाथों में कट्टियां लेकर पानी के लिए भटकते नजर आते हैं। ऐसी स्थिति में आशा की किरण नवोदित कलेक्टर से अवश्य नजर आती है। पूरी कॉलोनी में सड़के या तो है नही और हैं भी तो बुरी तरह जीर्ण शीर्ण हैं। कॉलोनी में डॉक्टर डीके बंसल के निवास स्थान के पास सूअरों ने अड्डा बना रखा है और उसके सामने सड़क पर एक बड़ा गड्डा है। जिसमें बरसात का पानी भरा रहता है। इस गड्डे में गिरकर कई बाइक चालक घायल हो चुके हैं। स्ट्रीट लाईट का भी कॉलोनी में बुरा हाल है। वहीं पीएस होटल के पीछे वाली कॉलोनी में तो कल रात्रि में हुई झमाझम बारिश के कारण रास्ते में घुटने-घुटने तक पानी भरा गया जिस कारण लोगों का घरों से निकालना भी मुश्किल हो गया है तथा कॉलोनी में पानी भर जाने से वहां सर्प भी निकल रहे हैं जिस कारण कॉलोनीवासी डरे और सहमे हुए हैं।


