पत्रकारों ने आपदा केन्द्र पहुंचकर चाय-नाश्ता बांटा

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नरवर (गणेश प्रसाद चीता)।
नरवर नगर के वार्ड नंबर 1 के सूडा क्षेत्र के 111 परिवारों के लगभग 400 लोग 3 एवं 4 अगस्त की सोए हुये प्रशासन की लापरवाही से सिंध में छोड़े गये भारी मात्रा में पानी के कारण आई बाढ़ में उक्त लोगों का सब कुछ तहस-नहस एवं नष्ट हो चुका है। अपनी जान बचाकर सूडा क्षेत्र के लोगों को नरवर की कृषिमण्डी में टिनसैट के नीचे बनाये गये अस्थाई आपदा केन्द्र में रोका गया है जहॉ पर भूखप्यास से पीडित लोगो के प्रति प्रषासकीय व्यवस्थाऐं खानापूर्ती तक ही सीमित है कैम्प में भौजन व्यवस्था की सेवा में अग्रणीय संस्था लोढी माता ट्रस्ट कमेटी के अलावा स्थानीय लोग भौजन सामाग्री चाय एवं नास्ता लेकर पीडितों के बीच पहुॅच रहे है।

आज प्रशासकीय उपेक्षा से पीडि़त लोगों के बहते आंसूओं की जानकारी मिलने पर नरवर क्षेत्र के पत्रकारों ने उक्त विपदा केन्द्र पहुंचकर लोगोंको शासकीय सहायता पर तसल्ली दी गई। उक्त मौके पर पीडि़तों ने बताया कि प्रशासन द्वारा उनके मकानों के कागजात, गाय, भैंसें, बकरी आदि की क्षति के लिए पशुओं को लाकर पी.एम करवाने आदि की कई शर्ते लगाकर ऐसा प्रतीत होता है कि क्षेत्र में दौरे पर अब तक पधारे केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिधिया, क्षेत्रीय सासंद सेजवलकर, करैरा विधायक प्रागीलाल जाटव, पोहरी विधायक एवं मंत्री सुरेश राठखेड़ा, जिले के प्रभारी मंत्री सिसौदिया, शिवपुरी की विधायक एवं मंत्री यशोधरा राजे सिधिया आदि क्षेत्र में भ्रमण कर लोगों को उपयुक्त शासकीय मदद देने का वायदा तो कर चुके है, लेकिन सर्वे में लगे कर्मचारीगण मकान क्षति के मामले में वैधानिक दस्तावेज एवं पशु हानि के मामलें में पीएम रिपोर्ट की मांग कर रहे है जो चिंताजनक है। उक्त मौके पर सिंध प्रभावित तहसील नरवर ग्वालियर की तहसील भितरवार दतिया की तहसील सेवड़ा एवं इन्दरगढ़ सहित सभी लोगो को 02 तारीख की रात में हाईअलर्ट क्षेत्र घोषित होने के बाद भी नरवर एवं अन्य क्षेत्र में प्रशासकीय अधिकारी, हाईअलर्ट की गई पुलिस मडीखेडा एवं मोहनी डैम के कंन्ट्रोल रूम पर तैनात किये गये जिम्मेवार अधिकारी 04 दिषाओं से पानी की फ्लट आने के बाद बिना सयरन एवं बिना सूचना के छोड़े गये पानी के द्वारा क्षेत्र में 500 बर्ष के इतिहास में पहली बार सिंधनदी के दोनो ओर आध से लेकर 01 कि.मी तक जलप्लावन के चलते भारी तबाही मचाई जा चुकी है, लेकिन क्षेत्र के जिम्मेवार अधिकारियों के विरूध कोई भी कार्यवाही नही की गई है जिस कारण क्षेत्र में हाई अलर्ट के बाद तैनात क्षेत्रीय अधिकारियों द्वारा सिंध की बाढ से हुई क्षति को छुपाते हुये झूठे ऑकडें शासन प्रषासन के समक्ष प्रस्तुत कर रहे है नरवर तहसील में तो प्रतिदिन आने वाले पीडितों के आवेदन ही नही लिये जा रहे है हाईअलर्ट के दौरान मडीखेडा एवं मोहनी के कंन्ट्रोलरूम के अलावा नरवर एवं क्षेत्र के प्रषासनिक निर्देष के बाद भी गहरी निंद्रा में सोये हुये सभी जिम्मेवार अधिकारियों को संबंधित क्षेत्र से हटाकर योग्य अधिकारियों को आपदा केन्द्रों की निगरानी एवं पीडित लोगो की क्षति के सर्वे हेतु तैनात किया जाना चाहिए। आज नरवर क्षेत्र के पत्रकारगण मदनलाल अग्रवाल, संतोष शर्मा, गणेश प्रसाद चीता अध्यक्ष मध्य प्रदेश पत्रकार संघ नरवर जिला शिवपुरी कमर खॉन, हनुमंतसिंह रावत, रूपसिंह कुशवाह, अनिल भार्गव, अशोक कश्यप आदि ने नरवर के आपदा केन्द्र पहुॅचकर पीडि़तों की दर्दभरी कहानी एवं पीढ़ा को श्रवण करने के बाद संगठन द्वारा एक समय का चाय नाश्ते की व्यवस्था स्वयं के व्यय पर की गई।

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