वन्यजीवों के अवैध शिकार में लिप्त अंतरराज्यीय गिरोह पर बड़ी कार्रवाई, एक और आरोपी गिरफ्तार

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कोर्ट से एक अन्य फरार आरोपी की अग्रिम जमानत याचिका खारिज 


शिवपुरी।
मध्यप्रदेश में बाघ और अन्य वन्यजीवों के अवैध शिकार के गंभीर अपराध में लिप्त एक अंतर्राज्यीय शिकार गिरोह पर स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स (एसटीएसएफ) की लगातार कार्रवाई जारी है। वन विभाग मुख्यालय, भोपाल के निर्देश पर कार्य कर रही टीम ने एक और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि एक अन्य आरोपी की अग्रिम जमानत याचिका जिला एवं सत्र न्यायालय शिवपुरी ने खारिज कर दी है।

एसटीएसएफ के अनुसार इस मामले में 4 जून को सवाई माधौपुर-श्योपुर-कराहल मार्ग पर संयुक्त दबिश में तीन आरोपियों को पकड़ा गया था। इनके पास से 225 नग वन्यजीवों के अंग (हड्डियां) बरामद की गई थीं। वैज्ञानिक साक्ष्यों के आधार पर जांच को आगे बढ़ाते हुए तीन और आरोपियों को शिवपुरी और श्योपुर से गिरफ्तार किया गया। गिरोह के सभी गिरफ्तार आरोपी इस समय न्यायिक अभिरक्षा में केंद्रीय जेल शिवपुरी में निरुद्ध हैं। मामले की जांच अब भी जारी है और वन विभाग के अनुसार इसमें और भी गिरफ्तारी संभावित हैं। उक्त कार्रवाई वनमण्डलाधिकारी सुधांशु यादव के निर्देशन उप वनमण्डलाधिकारी करैरा आदित्य शांडिल्य के मार्गदर्शन में कोलारस वन परिक्षेत्र के अधिकारी गोपाल सिंह जाटव के नेतृत्व में वन अमले ने एसटीएसएफ के साथ मिलकर अंजाम दिया। जांच अब भी जारी है और गिरोह के अन्य सदस्यों की धरपकड़ के प्रयास तेज़ कर दिए गए हैं।

सौजीराम मोंगिया गिरफ्तार, फॉरेस्ट रिमांड पर भेजा गया

इस मामले में एक प्रमुख आरोपी सौजीराम मोंगिया पिता जमुना मोंगिया, निवासी भीमपुर तहसील नरवर को 27 जुलाई को शिवपुरी के पटेल चौक पडोरा से गिरफ्तार किया गया। उसे विशेष न्यायालय में पेश कर वन विभाग की रिमांड पर लिया गया है। गिरफ्तारी में कोलारस वन परिक्षेत्र के परिक्षेत्र अधिकारी व क्षेत्रीय स्टाफ की सराहनीय भूमिका रही।

राजा भील की अग्रिम जमानत खारिज

इसी प्रकरण में फरार चल रहे आरोपी राजा भील की ओर से दायर अग्रिम जमानत याचिका को 26 जुलाई को न्यायालय ने अपराध की गंभीरता को देखते हुए अस्वीकार कर दिया। न्यायालय ने स्पष्ट कहा कि ऐसे अपराधों में जमानत नहीं दी जा सकती। इससे पहले गिरफ्तार आरोपियों दौजी, सुनीता, बनीराम और नरेश की जमानत याचिकाएं भी खारिज की जा चुकी हैं।

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