नपाध्यक्ष vs बागी पार्षद: अविश्वास प्रस्ताव की तलवार के बीच एड़ी-चोटी का जोर

MP DARPAN
0

बागी पार्षदों के आगे बेबस भाजपा, कांग्रेस भी निभा रही दोहरी भूमिका, चुप्पी साधे बैठे हैं बड़े नेता


शिवपुरी।
नगर पालिका शिवपुरी की राजनीति इस समय बगावत और दांव-पेंचों में उलझी हुई है। भाजपा की नगर पालिका अध्यक्ष गायत्री शर्मा और बागी पार्षदों के बीच विवाद ने तूल पकड़ लिया है। हालात यह हैं कि भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दल न तो स्पष्ट भूमिका निभा पा रहे हैं और न ही स्थिति को संभाल पा रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि नपाध्यक्ष अपनी कुर्सी बचाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रही हैं और पार्षदों की बोली तक लगनी शुरू हो गई है। कई पार्षद अचानक गायब हो गए और उनके मोबाइल भी बंद मिले। फिलहाल हालात यह साफ कर रहे हैं कि नगर पालिका में अध्यक्ष अल्पमत में हैं और पार्षदों का यही तेवर रहा तो अविश्वास प्रस्ताव पारित होना लगभग तय है। भाजपा और कांग्रेस दोनों की रणनीति केवल मूकदर्शक की तरह नजर आ रही है।

बागी पार्षदों का गुस्सा इतना बढ़ गया कि 39 में से 22 पार्षदों ने अध्यक्ष को हटाने का अविश्वास प्रस्ताव कलेक्टर को सौंप दिया। 25 अगस्त को कलेक्टर ने इन पार्षदों को हस्ताक्षर पुष्टि के लिए बुलाया है। इस बीच भाजपा पार्षद और जिला उपाध्यक्ष ओमप्रकाश जैन ओमी ने इस्तीफा तक दे डाला, हालांकि पार्टी ने इसे स्वीकार नहीं किया। चौंकाने वाली बात यह है कि भाजपा आलाकमान न तो अध्यक्ष को पद छोड़ने का संकेत दे रहा और न ही बागी पार्षदों को अनुशासित कर रहा है। वहीं कांग्रेस का रुख और भी उलझा हुआ है। अधिकांश कांग्रेस पार्षद अध्यक्ष के विरोध में हैं, लेकिन नवनियुक्त जिलाध्यक्ष मोहित अग्रवाल पर आरोप है कि वे अध्यक्ष के समर्थन में सक्रिय हैं और यहां तक कि अपनी पार्टी की नेता प्रतिपक्ष शशि शर्मा पर दबाव बनाने की कोशिश भी कर चुके हैं। 

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें (0)
To Top