शिवपुरी। जनमन आवास निर्माण में मध्यप्रदेश ने पूरे देश में प्रथम स्थान हासिल कर प्रदेश का मान बढ़ाया है, लेकिन इस सफलता के पीछे दिन-रात मेहनत कर रहे ग्राम रोजगार सहायक आज खुद गंभीर समस्याओं से जूझ रहे हैं। तीन माह से वेतन न मिलने और निरंतर दबाव व कार्रवाई का सामना कर रहे सहायकों ने सामूहिक रूप से ज्ञापन सौंपकर अपनी पीड़ा अधिकारियों तक पहुंचाई।
ग्राम रोजगार सहायकों ने बताया कि लगातार परिश्रम कर प्रदेश को आवास निर्माण में प्रथम स्थान दिलाने के बाद भी उनकी स्थिति बेहद दयनीय हो गई है। तीन माह से वेतन लंबित है, जिससे घर चलाने और आने-जाने में भारी दिक्कतें हो रही हैं। इतना ही नहीं, आवास निर्माण का कार्य हितग्राही आधारित होने के बावजूद जब हितग्राही राशि खर्च कर देते हैं या निर्माण में रुचि नहीं दिखाते, तो जिम्मेदारी सहायकों पर डाली जा रही है। सहायकों ने आरोप लगाया कि आवास कार्य में देरी होने पर उन्हें अपराधियों जैसा व्यवहार सहना पड़ रहा है। नोटिस देकर घंटों इंतजार कराया जाता है और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाता है। लगातार दबाव के माहौल ने भय की स्थिति पैदा कर दी है। बताया गया कि बीते दो माह में प्रदेशभर में मानसिक तनाव, हार्ट अटैक, दुर्घटना और बीमारियों के चलते लगभग 16 ग्राम रोजगार सहायकों की असमय मृत्यु हो चुकी है।
सहायकों की मुख्य मांगें
-लंबित तीन माह का वेतन शीघ्र भुगतान किया जाए।
-आवास निर्माण में गड़बड़ी करने वाले हितग्राहियों से वसूली तहसील स्तर से की जाए, न कि सहायकों पर दबाव डाला जाए।
-सीएम हेल्पलाइन के दुरुपयोग की उचित जांच कर फर्जी प्रकरणों को बंद किया जाए।
-प्रगति के आधार पर सेवा समाप्त किए गए ग्राम रोजगार सहायकों को बहाल किया जाए, क्योंकि उनके पास जीविकोपार्जन का कोई अन्य साधन नहीं है।
सहायकों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर शीघ्र विचार नहीं किया गया तो वे सामूहिक रूप से कलम बंद हड़ताल करने को मजबूर होंगे।



