गार्ड ऑफ ऑनर के साथ दी गई विदाई
शिवपुरी। जीवनभर शिक्षा और सेवा भाव से जुड़े रहने वाली 78 वर्षीय शिक्षिका सरोज मदान ने मृत्यु के बाद भी समाज को सीख देने का काम किया। सोमवार को उनकी चारों बेटियों कुसुम, विनीता मदान, पुनीता भुगड़ा और तृप्ति अरोरा ने मां की अंतिम इच्छा के अनुसार उनका पार्थिव शरीर श्रीमंत राजमाता विजयाराजे सिंधिया मेडिकल कॉलेज शिवपुरी को समर्पित कर दिया। यह क्षण शिवपुरी के इतिहास में अद्वितीय रहा, जब देहदान करने वाले को पहली बार राजकीय सम्मान दिया गया। पुलिस अधीक्षक अमन सिंह राठौड़ के निर्देशन में पुलिस फोर्स ने गार्ड ऑफ ऑनर देकर स्व. सरोज मदान को अंतिम सलामी दी। कार्यक्रम में मेडिकल कॉलेज अधिष्ठाता डॉ. डी. परमहंस, डॉ. ईला गुजारिया, डॉ. आशुतोष चौऋषि सहित वरिष्ठ चिकित्सक, एमबीबीएस छात्र-छात्राएँ और कर्मचारी मौजूद रहे। सभी ने श्रद्धा और सम्मान के साथ देहदान को स्वीकार किया।
दिवंगत सरोज की बेटी पुनीता ने बताया कि मां ने वर्ष 2017 में ही दधीचि देहदान समिति गुना में पंजीकरण कर देहदान का संकल्प लिया था। वहीं बेटी विनीता ने भावुक होते हुए कहा कि मां हमेशा सेवा भाव से जुड़ी रहीं। उनका कहना था कि मृत्यु के बाद भी हमारा शरीर किसी के काम आए। हम गर्व महसूस करते हैं कि हमने उनकी अंतिम इच्छा पूरी की। इसी प्रेरणा से मैंने भी देहदान का संकल्प लिया है। अधिष्ठाता डॉ. परमहंस ने परिवार की सराहना करते हुए कहा कि यह निर्णय समाज के लिए प्रेरणा है। हम इस कठिन समय में परिवार के साथ खड़े हैं और हर संभव मदद करेंगे। मां की अंतिम इच्छा को पूरा कर बेटियों ने न सिर्फ अपनी मां को सच्ची श्रद्धांजलि दी, बल्कि समाज के सामने ‘जीवन से परे सेवा’ की अनूठी मिसाल भी कायम कर दी।