नपा की मनमानी के विरोध में फल और सब्जी विक्रेताओं ने किया विरोध प्रदर्शन
शिवपुरी। आज सुबह कोर्ट रोड़ पर नपा और यातायात पुलिस की टीम ने फलों और सब्जियों के ठेलों को पुन: खदेडऩे का प्रयास किया तो एक ठेला चालक ने पुलिस की इस कार्रवाई से नाराज होकर अपने पेट में चाकू घौंप लिया। जिसे मौके से पुलिसकर्मी उठाकर अस्पताल ले गए। जैसे ही यह खबर अन्य ठेला चालकों को लगी तो वह कोर्ट रोड़ पर एकत्रित हो गए और उन्होंने नपा और यातायात पुलिस की मनमानी को लेकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। जिसे देखकर कोतवाली का पुलिस बल मौके पर आ गया और प्रदर्शन कर रहे लोगों को वहां से हटाया। पुलिस ने उन्हें चेतावनी दी कि शहर में धारा 144 लगी हुई है। अगर वह इसका उल्लंघन करेंगे तो उनपर कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद प्रदर्शनकारी वहां से हटे। वहीं घायल ठेला चालक का इलाज अस्पताल में जारी है।
आज सुबह कुछ ठेले कोर्ट रोड़ पर लगे थे। जिनमें कोतवाली के पीछे रहने वाला एक युवक मोनू पुत्र मदनलाल शर्मा बेर का ठेला गल्र्स स्कूल के कॉर्नर पर लगाकर रास्ता वाधित कर रहा था। जिसे मौके पर पहुंची यातायात पुलिस और नपा की टीम ने हटा दिया। साथ ही कई और ठेले भी मौके से खदेड़े। जिससे नाराज होकर बेर विक्रय करने वाले मोनू शर्मा ने ठेले से चाकू उठाकर अपने पेट में घौंप लिया। जिससे उसके पेट से खून निकल आया। यह देख नपा की टीम के सदस्य और यातायातकर्मी घबरा गए और तुरंत ही घायल को उठाकर इलाज हेतु अस्पताल ले गए। जहां डॉक्टरों ने उसका इलाज शुरू किया। इस दौरान युवक की हालत स्थिर थी। ठेला संचालकों ने घटना स्थल पर भी विरोध प्रदर्शन किया। बाद में वे एकत्रित होकर अस्पताल पहुंचे, जहां पर भी वह आक्रोशित नजर आए। फल विक्रेताओं का कहना था कि उनका पूरा व्यापार चौपट हो गया है और घर में उनके खाने पीने के भी लाले पड़ गए हैं। उन्होंने जो कच्चा माल खरीदा था वह विक्री न होने के कारण सड़ गया है। ऐसी स्थिति में उन्हें नुकसान भी झेलना पड़ रहा हेै। लेकिन प्रशासन उनकी इस समस्या को नहीं समझ रहा है। ऐसी स्थिति में उनके समक्ष मरने के अलावा कुछ नहीं बचा है।
गरीब ठेले वालों को हटाने से पूर्व उनकी वैकल्पिक व्यवस्था भी करे प्रशासन
कोर्ट रोड़ शहर की व्यस्ततम रोड़ है और यह सत्य है कि यहां लगने वाले ठेलों के कारण यातायात वाधित होता है। लेकिन यह भी सत्य है कि ठेला लगाने वाले लोग गरीब हैं और सब्जी, फल तथा चाट बेचकर वह अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं। कोर्ट रोड़ से उन्हें बेदखल किए जाने के कारण वह बेरोजगार हो गए हैं और उनकी घर गृहस्थी अव्यवस्थित हो गई है। इन ठेले वालों को कोर्ट रोड़ से हटाना जरूरी है और प्रशासन तथा यातायात विभाग ने जो पहल की है, उसकी सराहना हो रही है। लेकिन यह भी जरूरी है कि उन गरीब ठेलों वालों की वैकल्पिक व्यवस्था प्रशासन करे और उन्हें ऐसा स्थान उपलब्ध कराए ताकि वह अपना रोजगार, धंधा संचालित कर सके।