कला और ज्ञान की देवी का पर्व है बसंत पंचमी: अनुपम

MP DARPAN
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शिवपुरी। संसार के प्रत्येक देश में त्योहारों की अपनी अपनी परंपरा है भारत देश तो त्योहारों का धनी है। भारत देश में बसंत पंचमी का त्यौहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इसी क्रम में शिवपुरी शहर के जहांगीर संगीत स्टूडियो में बसंत पंचमी का पर्व उत्साह एवं हर्षोल्लास से मनाया गया इस अवसर पर संगीत प्रेमियों द्वारा देवी सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं श्रद्धा सुमन अर्पित कर कार्यक्रम प्रारंभ किया गया।
कार्यक्रम के सूत्रधार अनुपम जैन (सर) ने सरस्वती वंदनाकी-
हे शारदे मां, हे शारदे मां अज्ञानता से हमें तार दे मां तू स्वर की देवी है संगीत तुझसे हर शब्द तेरा है हर गीत तुझसे....। अनुपम जैन (सर) ने कहा कि पुराणों में वर्णित एक कथा के अनुसार भगवान श्री कृष्ण ने देवी सरस्वती से खुश होकर उन्हें वरदान दिया था कि बसंत पंचमी के दिन तुम्हारी आराधना की जाएगी। अनुपम जैन सर ने कहा कि देवी सरस्वती का वाहन हंस यही संदेश देता है कि मां सरस्वती की कृपा उसे ही प्राप्त होती है जो हंस समान विवेक धारण करने वाला है केवल हंस में ही वह विवेक होता है कि वह दूध और पानी को अलग अलग कर सकता है हंस दूध ग्रहण कर पानी छोड़ देता है इसी तरह हमें भी बुरी सोच को छोड़कर अच्छाई को ग्रहण करना चाहिए। शाकिर अली मामू ने कहा कि बसंत पंचमी के दिन प्रकृति भी पीली सरसों की बसंती रूपी साड़ी धारण कर आनंद विभोर हो झूम उठती है। जकी खान ने कहा कि हमारे पर्व एवं परंपराएं आपसी प्रेम और सदभाव का संदेश देती हैं।
जहांगीर खान ने कहा कि बसंत पंचमी के दिन को इनके प्रकट उत्सव के रूप में भी मनाते हैं सलीम खान ने कहा कि जब फूलों पर बाहर आ जाती है खेतों में सरसों का सोना चमकने लगता है तब बसंत पंचमी का त्यौहार आता है। अनुपम जैन सर ने कहा कि मां सरस्वती को विद्या और ज्ञान की देवी माना गया है संगीत की इनसे उत्पत्ति होने के कारण  इन्हें  संगीत की देवी के रूप में पूजा जाता है। कार्यक्रम में गंगा प्रसाद कुशवाहा, मनोज शर्मा, रामसेवक गौड़, रऊफ अंसारी आदि संगीत प्रेमी उपस्थित थे। अंत में कार्यक्रम का समापन जकी खान द्वारा किया गया।
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