सूचना का अधिकार कानून के तहत जानकारी मांगना होगा महंगा, बढ़ेगा 10 गुना शुल्क

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आरटीआई आवेदन के साथ 10 रूपए के स्थान पर देने होंगे 100 रूपए
भोपाल। मध्य प्रदेश में सूचना का अधिकार कानून (आरटीआई) के तहत जानकारी मांगना अब महंगा होने वाला है। राज्य सूचना प्रकोष्ठ ने शुल्क बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार किया है, जो विधि विभाग को परीक्षण के लिए भेजा जा रहा है। सरकार 10 गुना शुल्क बढ़ा रही है। अभी आरटीआई के तहत आवेदन के साथ 10 रुपए का शुल्क देना पड़ता है पर आने वाले दिनों में 100 रुपए शुल्क देना होगा। हालांकि प्रति पेज शुल्क दो रुपए ही रखा जाएगा। इसमें अभी वृद्धि प्रस्तावित नहीं है। पिछले सालों में आरटीआई से जानकारी लेने का चलन तेजी से बढ़ा है। लोग छोटी-छोटी जानकारियों के लिए आवेदन लगा रहे हैं। इस कारण विभिन्न विभागों में कामकाज भी बढ़ गया है।
इस पर किसी हद तक नियंत्रण करने के लिए सरकार आरटीआई आवेदन और अपील के शुल्क में वृद्धि करने जा रही है। राज्य सूचना प्रकोष्ठ ने शुल्क वृद्धि का प्रस्ताव तैयार किया है। इसके तहत आने वाले समय में आरटीआई का आवेदन करने पर 10 रुपए की जगह 100 रुपए शुल्क देना पड़ सकता है। ऐसे ही पहली अपील के लिए अभी तक 50 रुपए शुल्क लिया जाता था, जो 500 रुपए प्रस्तावित किया जा रहा है। ऐसे ही दूसरी अपील के लिए आवेदक को 100 रुपए की बजाय एक हजार रुपए शुल्क देना पड़ सकता है। सामान्य प्रशासन विभाग के डिप्टी सेक्रेटरी धरणेंद्र जैन ने शुल्क वृद्धि का प्रस्ताव तैयार किए जाने की पुष्टि की है। साथ ही कहा कि आवेदन शुल्क 50 रुपए किए जाने पर विचार चल रहा है।
इनका कहना है
आरटीआई एक्ट में सरकार सिर्फ आवेदन शुल्क ले सकती है। जबकि अपील के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाना चाहिए। 2005 में मनमोहन सरकार ने आवेदन शुल्क 10 रुपए तय किया है। मध्य प्रदेश सरकार को भी आवेदन शुल्क नहीं बढ़ाते हुए अपील का प्रावधान नि:शुल्क करना चाहिए।
-अजय दुबे, आरटीआई कार्यकर्ता

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