अब अप्रैल-मई तक निकाय चुनाव कराना संभव नहीं
भोपाल। भोपाल शहर को दो नगर निगम में बांटने का मामला अधर में होने से पूरे प्रदेश में महापौर और नगर पालिका अध्यक्ष के लिए 15 फरवरी तक होने वाला आरक्षण टलना तय है। इससे अप्रैल-मई में होने वाले नगर निगम और नगर पालिका के चुनाव आगे बढ़ सकते हैं।
महापौर और नगर पालिका अध्यक्ष के लिए आरक्षण पूरे प्रदेश में एक साथ होता है। वजह यह है कि महापौर और नपाध्यक्ष के आरक्षण में प्रदेश के निकायों की आवादी को आधार बनाया जाता है। जब तक यह तय नहीं हो जाता कि भोपाल में कितने नगर निगम होंगे। तब तक उनकी आवादी का निर्धारण नहीं हो सकता। पहले 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले ही नगरीय निकायों के आरक्षण का कार्यक्रम घोषित कर दिया था। लेकिन आचार संहिता के कारण चुनाव आयोग ने इसे रोक दिया। इसके बाद विभाग ने नया कार्यक्रम घोषित किया। इसमें 15 फरवरी तक महापौर और नपाध्यक्ष का आरक्षण होना था। सूत्र बताते हैं कि इस आरक्षण को एक महीने यानि 15 मार्च तक के लिए टाला जा रहा है।
इनका कहना है
कई निकायों में परिसीमन और वार्डो के आरक्षण की कार्रवाई पूरी नहीं हो सकी है। ऐसी स्थिति में महापौर और नपाध्यक्ष के लिए 15 फरवरी तक आरक्षण नहीं हो पाएगा। इसके लिए नई तारीख घोषित की जाएगी।
संजय दुबे प्रमुख सचिव, नगर आवास एवं विकास


