आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की नियुक्ति में अडंगा लगा तो आदिवासी युवती ने खा लिया जहर

MP DARPAN
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तहसीलदार पर लगा आरोप
शिवपुरी। पोहरी तहसील के अहेरा गांव में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के पद पर नंदनी आदिवासी की नियुक्ति हो तो गई। लेकिन नियुक्ति से पहले ही कुछ लोगों ने आपत्ति लगा दी। जिसकी जांच पोहरी तहसीलदार ओपी राजपूत कर रहे थे। लेकिन जांच में देरी से परेशान युवती जनसुनवाई में भी पहुंची। परंतु यहां पर भी जब उसे न्याय नहीं मिला तो उसने परेशान होकर जहर खा लिया। नंदनी आदिवासी का इलाज जिला अस्पताल शिवपुरी में चल रहा है।
अहेरा गांव में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के पद पर नंदनी आदिवासी की जेठानी लक्ष्मी आदिवासी कार्य कर रही थी। लेकिन पुलिस में नौकरी लगने के बाद जब पद खाली हुआ तो लक्ष्मी आदिवासी ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पद के लिए आवेदन कर दिया। लक्ष्मी आदिवासी ने बताया कि मैं पढ़ी लिखी बेरोजगार महिला हूं और नियमानुसार नियुक्ति के लिए मैं पूरी तरह पात्र हूं। इसी कारण आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के पद पर मेरा चयन भी हो गया। परंतु नियुक्ति से पहले ही रानी परमार पत्नी नागेंद्र परमार ने आपत्ति लगा दी। आपत्ति यह लगाई कि नंदनी का विवाह नहीं हुआ था, जबकि विज्ञाप्ति जारी होने से पहले ही नंदनी का विवाह हुआ था। इस मामले की जब जांच हुई तो आपत्ति गलत पाई गई। लेकिन इसके पहले नंदनी नियुक्त हो पाती तो फिर एक आपत्ति लगाई गई। जिसकी जांच पोहरी तहसीलदार ओपी राजपूत को सौंपी गई। लेकिन आरोप है कि तहसीलदार राजपूत जांच में लगातार देरी कर रहे थे। जिससे परेशान होकर नंदनी दो बार जनसुनवाई में भी पहुंची। लेकिन वहां भी उसकी समस्या का कोई निराकरण नहीं हुआ और सिर्फ आश्वासन मिले। जिससे परेशान होकर उसने जहर खा लिया। 
नंदनी नियुक्ति के लिए पात्र थी: राजपूत 
पोहरी के तत्कालीन तहसीलदार ओपी राजपूत का कहना है कि इस मामले में उनका नाम अनावश्यक रूप से घसीटा जा रहा है। मैंने मामले को नहीं अटकाया है। मेरा ट्रांसपर पोहरी से हो चुका है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता चयन मामले में आई आपत्ति की जांच में सिर्फ दो आवेदिकाओं के मौके पर निवास के प्रमाण मिले थे। अन्य आवेदिकाएं अन्यत्र रहती थीं। उनके अनुसार दूसरी आपत्ति में  जांच की ही जरूरत नहीं थी। 
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