महिला बाल विकास की टीम ने रूकवाए तीन नाबालिग बालिकाओं के विवाह

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शिवपुरी। गुरुवार को जिला कार्यक्रम अधिकारी देवेंद्र सुंदरियाल को विनेगा गांव के आदिवासी समाज के अलग-अलग परिवारों में 5 लड़कियों बाल विवाह होने की सूचना मिली। सूचना पर कार्यवाही के लिये बाल संरक्षण अधिकारी राघवेंद्र शर्मा, विभाग के सामाजिक कार्यकर्ता जितेंद्र दांगी,सेक्टर पर्यवेक्षक राखी अग्रवाल एवं विशेष किशोर पुलिस इकाई से आरक्षक राकेश परिहार ने मौके पर जाकर सभी लड़कियों के उम्र के प्रमाण देखे। प्रमाणपत्रों के आधार पर 3 लड़कियों की उम्र 15 वर्ष एवं 2 की उम्र 18 वर्ष होना प्रमाणित हुई। 
तीन लड़कियों की उम्र कम होने से उनके परिजनों को आयु पूर्ण होने से पहले विवाह न करने के लिये समझाया गया। टीम की तीन घण्टे की समझाइश के बाद परिजनों ने कम आयु वाली तीनों लड़कियों के विवाह नहीं करने का निर्णय लिया तथा लिखित बचनपत्र दिया कि हम अब विवाह नहीं करेंगे। 
परिजन बोले साहब खर्चा हो गया अभी कर लेने दो
लड़कियों को हल्दी लग गई है, खर्चा पूरा हो गया रिस्तेदारों को सूचना हो गई है, साहब गरीब आदमी है, अबकी बार हमें कर लेने दो, कसम से फिर कभी नहीं करेंगे। बाल विवाह रोकने पहुंची टीम के सामने तीनों लड़कियों के परिजनों ने यह मांग रखी। बाल संरक्षण अधिकारी राघवेंद्र शर्मा ने दो टूंक शब्दों में कहा हम बाल विवाह की इजाजत नहीं दे सकते अगर चोरी छिपे करने का प्रयास करोगे तो जेल जाना पड़ेगा। बाल विवाह गंभीर अपराध है,इसमें शामिल होने वाले भी सजा के हकदार होंगे। उम्र पूरी होने के बाद विवाह करोगे तो हम सरकार की मुख्यमंत्री कन्यादान योजना का लाभ दिलवा देंगे। 
बाल विवाह का महूर्त बताने बाले पंडित होंगे तलब
बाल संरक्षण अधिकारी राघवेंद्र शर्मा ने बताया कि जिन लड़कियों के बाल विवाह होने जा रहे थे उनके विवाह का शुभ महूर्त बताने वाले पंडित मधुसूदन शर्मा निवासी विनेगा को नोटिस जारी कर जबाब तलब किया जायेगा। लड़कियों की उम्र का प्रमाण देखे बगैर उन्होंने कैसे शुभ महूर्त निकाल दिया।
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