सभी विषयों में पाई विशेष योग्यता, आईएएस बनने की है तमन्ना
शिवपुरी। माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित हायर सेकेण्डरी परीक्षा में शिवपुरी के विद्यार्थियों ने फिर से प्रदेश में परचम फहराया है। प्रदेश स्तर की प्रावीण्य सूची में शिवपुरी जिले के 6 विद्यार्थियों को शामिल होने का गौरव मिला है। कृषि संकाय में भी प्रज्ञा बाल मंदिर के छात्र गौरव ओझा ने प्रदेश में टॉप किया है। रंगढ़ रेनवो स्कूल की छात्रा कु. अनुष्का गुप्ता ने प्रदेश की प्रावीण्य सूची में पहला स्थान प्राप्त किया है। छात्रा अनुष्का गुप्ता ने सभी विषयों में विशेष योग्यता प्राप्त की है और संस्कृत तथा रसायन शास्त्र में तो अनुष्का को 100 में से 100 अंक मिले हैं। प्रदेश में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली अनुष्का ने अपनी उपलब्धि का श्रेय परिजनों स्कूल के अध्यापकों तथा अपनी बड़ी बहन को दिया है और उन्होंने कहा कि वह आईएएस बनने की इ'छा रखती हैं।
उच्चतर माध्यमिक विद्यायल क्रमंाक 1 गणित संकाय में दिव्यांश ओझा पुत्र शिवलाल ओझा ने प्रदेश में 5वां स्थान प्राप्त किया है। जबकि प्रज्ञा बाल मंदिर के छात्र विवेक धाकड़ पुत्र वृंदावन धाकड़ ने कृषि संकाय में दूसरा स्थान प्राप्त करने में सफलताएं हांसिल की हैं। प्रदेश में कला संकाय में तीसरा स्थान शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की छात्रा कीर्ति साहू पुत्री धनीराम साहू ने प्राप्त किया है। कला संकाय में तीसरा स्थान प्राप्त करने वालों में शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यायल पिछोर की छात्रा सोनम लोधी पुत्री संतोष लोधी भी शामिल है।
सेवानिवृत एएसएलआर महादुले की दो पौत्रियों ने जिले में पाया दूसरा और तीसरा स्थान
सेवानिवृत एएसएलआर रघुवीर सिंह महादुले की दो पौत्रियों ने हायर सेकेण्डरी की बोर्ड परीक्षा में जिले में दूसरा और तीसरा स्थान प्राप्त करने में सफलता प्राप्त की है। इस तरह से शैली महादुले पुत्री अरविंद सिंह महादुले और नैंसी महादुले पुत्री राकेश महादुले ने अपने परिवार विद्यालय और शिवपुरी का नाम रोशन किया है। शैली महादुले ने 500 में से 477 अंक (95.4 प्रतिशत) प्राप्त कर जिले में दूसरा स्थान प्राप्त किया है। जबकि नैंसी महादुले पुत्री राकेश महादुले ने 500 में से 476 अंक (95.2 प्रतिशत ) प्राप्त कर तीसरा स्थान प्राप्त किया है। दोनों छात्राओं के पास गणित विषय है। खास बात यह है कि दोनों छात्राओं की सफलता में उनके दादा रघुवीर सिंह महादुले का विशेष योगदान रहा है। जिन्होंने उन्हें लगातर प्रोत्साहित किया। शैली महादुले के पिता अरविंद महादुले के देहांत के बाद भी उन्होंने बेजोड़ मेहनत करके अपने परिवार का नाम रोशन किया है। दोनों छात्राओं ने अपने चाचा अरूण महादुले सर के मार्गदर्शन में टॉप किया है।



