सफाई कर्मचारियों का शोषण को बंद करने के लिए यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने नगर पालिका गोहद का किया घेराव

MP DARPAN
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निकाय के अधिकारी अपनी मनमानी करने से बाज नहीं आ रहे: एड.गुडडू वाल्मीकि


गोहद (गणेश प्रसाद चीता)।
राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी मजदूर यूनियन के संस्थापक एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष एडवोकेट गुडडू वाल्मीकि के नेतृत्व में सफाई कर्मचारियों ने अपनी समस्यायो का निराकरण नहीं होने एवं निकाय के अधिकारियों द्वारा मनमानी कर शोषण किए जाने के विरोध में नगरपालिका गोहद का घेराव कर सीएमओ प्रीतम मांझी को स्मरण पत्र सौंपा और नगरपालिका प्रांगण में अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी की। पत्र के माध्यम से एडवोकेट श्री गुडडू वाल्मीकि ने बताया है कि पूर्व में यूनियन द्वारा सफाई कर्मचारियों को समय पर वेतन का भुगतान करने, ईपीएफ की राशि जमा करने, सफाई कर्मचारियों को विनियमितिकरण किए जाने, कलेक्टर रेट से वेतन का भुगतान किए जाने, वर्दी साबुन झाडू वितरित किए जाने आदि समस्यायों के निराकरण के लिए गोहद सीएमओ को ज्ञापन सौंपा गया था लेकिन निकाय के अधिकारियों की मनमानी के कारण और सफाई कर्मचारियों के शोषण करने की मानसिकता के सफाई कर्मचारियों का समय सीमा पर निराकरण नहीं हुआ जिससे सफाई कर्मचारियों ने राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ निकाय कार्यालय का घेराव कर झाड़ू उल्टी कर दी। इस मौके पर यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने सीएमओ को चेतावनी देते हुए कहा अगर हमारी सफाई कर्मचारियों का शोषण बंद नही हुआ तो यूनियन सम्बन्धित अधिकारियों के विरुद्ध न्यायालय में याचिका दायर करेंगे। 

ईपीएफ कमिश्नर ने सीएमओ को भेजा नोटिस


इधर यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष की शिकायत पर कर्मचारी भविष्य निधि संगठन क्षेत्रीय आयुक्त ने नगर पालिका परिषद गोहद सीएमओ को नोटिस भेजा। नोटिस में राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा नगर पालिका गोहद में 60 से अधिक सफाई कर्मचारियों का अप्रैल 2023 से ईपीएफ जमा नहीं होने की शिकायत ईपीएफ कमिश्नर से की गयी थी जिसपर कार्यवाही करते हुए ईपीएफ कमिश्नर ने सीएमओ को सफाई कर्मचारियों का ईपीएफ कटौत्रा की राशि सफाई कर्मचारियों के खाते में जमा करने के सख्त निर्देश दिए हैं साथ ही ईपीएफ कटौत्रा की की राशि जमा नहीं करने का कृत कर्मचारी भविष्य निधि अधिनियम 1952 की धारा 14, ईपीएफ योजना पैरा 76, ईपीएस 1995 पैरा 42, ईडीएल,1976 पैरा 29 तथा भारतीय दंड संहिता की धारा 406/409 के तहत दंडनीय है । नोटिस में 7 दिन में आवश्यक कार्रवाई करने के लिए निर्देश दिए गए हैं।

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