चंबल राष्ट्रीय संसद में देशभर के 100 से अधिक बच्चों ने महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की

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ग्वालियर ।
युवाओं में नेतृत्व गुण के विकास के लिये हमें अतीत में युवाओं द्वारा समाज के लिये दिये गए योगदान के साथ ही उनकी भूमिका पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित करना होगा, क्योंकि अब दुनिया युवा नेतृत्व वाले विकास की शक्ति को पहचानने लगी है। उक्त आशय की जानकारी अधिवक्ता प्रेरणा सिंह राजपूत के मुख्य आतिथ्य और कैबिनेट मंत्री राकेश शुक्ला ने विशेष अतिथि के रूप में ग्वालियर के जैन कॉलेज में आयोजित चंबल राष्ट्रीय संसद में दी। 

मुख्य अतिथि द्वारा कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि युवाओं में नेतृत्व, एक विकसित करने योग्य कौशल है जिसे समय के साथ विकसित किया जा सकता है। समाज की अधिकांश उप-प्रणालियों जैसे व्यवसाय, राजनीति, धर्म और समुदाय-आधारित संगठनों के सुचारु संचालन एवं विकास के लिये नेतृत्व की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि नेतृत्व और संवाद कौशल को ऐसे लोगों के रूप में देखा जाता है जो सही और कभी-कभी कठिन निर्णय भी लेते हैं। वे एक स्पष्ट दृष्टि व्यक्त करते हैं और प्राप्त करने योग्य लक्ष्य निर्धारित करते हैं। दल के अन्य सदस्यगण उन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिये आवश्यक ज्ञान और अवसर प्रदान करते हैं। इस संसद में देशभर के 100 से अधिक ब'चों ने महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की। यह कार्यक्रम लक्ष्य शर्मा, पारिजात, पंकज, रोहन और श्याम सुंदर के प्रयासों से अत्यधिक सफल रहा। इस कार्यक्रम ने युवाओं में नेतृत्व और संवाद कौशल को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।


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