संचार धोखाधड़ी के खिलाफ बड़ी पहल: केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने ‘संचार साथी’ ऐप को बहुभाषीय रूप में किया लॉन्च

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हितधारकों की बैठक में दी साइबर सुरक्षा को गति


नई दिल्ली।
केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने आज दूरसंचार विभाग के सचिव डॉ. नीरज मित्तल के साथ 'संचार साथी' पहल के तहत एक महत्वपूर्ण हितधारक बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक का उद्देश्य टेलीकॉम साइबर धोखाधड़ी के विरुद्ध राष्ट्रीय स्तर पर ठोस कार्रवाई को और अधिक प्रभावी बनाना था। बैठक में इस बात पर विशेष बल दिया गया कि साइबर अपराधों के प्रति जन-जागरूकता, निवारक उपायों का क्रियान्वयन और नागरिक भागीदारी समय की मांग है।

डिजिटल सुरक्षा का नागरिक-केंद्रित प्लेटफॉर्म ‘संचार साथी’

‘संचार साथी’ एक उन्नत डिजिटल सुरक्षा पहल है, जिसमें 

CEIR : खोए/चोरी गए मोबाइल फोन को ब्लॉक/ट्रेस करने की सुविधा

DIP : डिजिटल अपराधों के विश्लेषण हेतु

ASTR (AI आधारित फर्जी कनेक्शन डिटेक्शन सिस्टम): नकली दस्तावेजों के आधार पर लिए गए कनेक्शन की पहचान

FRI : वित्तीय धोखाधड़ी के संकेतक

इन तकनीकों की मदद से भारत के दूरसंचार क्षेत्र को अधिक सुरक्षित बनाया गया है।

प्रभावशाली आँकड़े: बड़ी सफलता की ओर

*82 लाख फर्जी मोबाइल कनेक्शन अब तक डिस्कनेक्ट किए गए

*35 लाख से अधिक चोरी/गुम मोबाइल फोन ब्लॉक किए गए

*1.35 करोड़ फर्जी अंतरराष्ट्रीय कॉल्स को केवल 24 घंटे में रोका गया

*इससे 97% तक ऐसे कॉल्स में गिरावट आई है

*ASTR और नागरिक रिपोर्टिंग के माध्यम से 4.7 करोड़ कनेक्शन बंद किए गए

*5.1 लाख मोबाइल हैंडसेट, 24.46 लाख व्हाट्सएप अकाउंट और 20,000 SMS भेजने वाले स्पैम अकाउंट्स को ब्लैकलिस्ट किया गया।

CEIR के माध्यम से:

35.49 लाख फोन ब्लॉक किए गए

21.57 लाख का पता चला

5.19 लाख डिवाइस बरामद किए गए

संचार साथी ऐप अब हिंदी और 21 क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध

इस मौके पर हिंदी सहित 21 क्षेत्रीय भाषाओं में संचार साथी ऐप लॉन्च किया गया, जिससे इसकी सुलभता और पहुंच देश के कोने-कोने तक हो सके। जनवरी 2025 में लॉन्च हुए इस ऐप के फीचर्स:

खोए/चोरी गए मोबाइल की सूचना व ट्रेसिंग

संदिग्ध कॉल, SMS या नंबर की रिपोर्टिंग

बिना अनुमति के लिए गए कनेक्शन की जांच

अब तक 46 लाख से अधिक बार डाउनलोड किया गया यह ऐप Android और iOS दोनों प्लेटफार्म पर उपलब्ध है।

हितधारकों और नागरिकों की भागीदारी

इस बैठक में टेलीकॉम कंपनियों, साइबर सुरक्षा एजेंसियों, वित्तीय संस्थानों एवं तकनीकी विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया, जिनमें प्रमुख नाम शामिल हैं:

शिखा गोयल – प्रमुख, तेलंगाना साइबर सुरक्षा ब्यूरो

संजीव कुमार शर्मा – डीडीजी, डिजिटल इंटेलिजेंस यूनिट

राजेश कुमार – CEO, 14C

पुष्पमित्र साहू – CGM, RBI

शिवनाथ ठुकराल – पब्लिक पॉलिसी हेड, PhonePe

एम. परमशिवम – ईडी, PNB

C-DOT, RPF, दूरसंचार विभाग के अधिकारी और तकनीकी टीमें

नागरिक अनुभव: तकनीक से भरोसा और सुरक्षा

हरियाणा और उत्तर प्रदेश के नागरिकों ने संचार साथी के उपयोग के अपने अनुभव साझा किए। कई लोगों ने बताया कि उन्होंने इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से अपने खोए हुए मोबाइल फोन को शीघ्र प्राप्त किया।साइबर योद्धा सुजीत बेक ने बताया कि कैसे उन्होंने इस प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग कर हजारों फर्जी मोबाइल कनेक्शन कटवाए, लोगों को जागरूक किया, खासकर वरिष्ठ नागरिकों को साइबर धोखाधड़ी से बचाया।

राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान

620 से अधिक संगठन, जिनमें केंद्रीय एजेंसियाँ, राज्य पुलिस बल, टेलीकॉम सेवा प्रदाता, GSTN आदि शामिल हैं, अब संचार साथी के नेटवर्क से जुड़ चुके हैं। यह राष्ट्रीय स्तर पर साइबर फ्रॉड और दूरसंचार धोखाधड़ी के खिलाफ एक मजबूत सहयोगी ढांचा तैयार कर रहा है।

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