माता-पिता जिंदगी और मौत से जूझ रहे
शिवपुरी। सोमवार की रात मालबर्वे गांव में नींद कभी न टूटने वाली बन गई। एक ऐसा हादसा, जिसने पूरे गांव को सदमे में डाल दिया। अपनी फसल को बचाने के लिए रखी गई कीटनाशक दवा, उसी किसान के आंगन में काल बनकर उतर आई। इस हादसे में दो मासूम बच्चों की मौत हो वहीं मेडिकल कॉलेज में माता-पिता की हालत गंभीर बनी हुई है।
गांव के गिर्राज धाकड़ उम्र 30 वर्ष ने तीन दिन पहले घर के एक कमरे में रखे गेहूं में कीटनाशक दवा डाली थी, ताकि अनाज सुरक्षित रहे, लेकिन सोमवार की रात जब गिर्राज अपनी पत्नी पूनम उम्र 28 वर्ष और दो नन्हें बच्चों मानवी उम्र 5 वर्ष और अतीत उम्र 3 वर्ष के साथ उसी कमरे में सोया तो सब कुछ बदल गया। रात के अंधेरे में वो गैस धीरे-धीरे मौत बनकर फैलती रही और सुबह तक दो मासूमों की सांसें हमेशा के लिए थम चुकी थीं। मानवी ने गांव में ही दम तोड़ा, जबकि अतीत को जिला अस्पताल ले जाया जा रहा था, लेकिन रास्ते में उसकी भी जान चली गई। माता-पिता की हालत गंभीर बनी हुई है और उन्हें मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है, जहां डॉक्टरों की टीम लगातार इलाज में जुटी है। भटनावर चौकी प्रभारी सीमा धाकड़ के अनुसार, प्राथमिक जांच में मामला गेहूं में रखी दवा से बनी जहरीली गैस का नजर आ रहा है। बच्चों के शवों का पोस्टमार्टम कराया गया है, और पीएम रिपोर्ट के बाद ही मौत के वास्तविक कारण स्पष्ट होंगे। पुलिस मामले की जांच में जुटी है।