पेड़ों के सहारे थमी जिंदगी: तेज बहाव में बही स्कूली बस, 30 बच्चों की सांसें अटकीं, ग्रामीणों ने बचाई मासूमों की जान

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लापरवाही की सवारी: स्कूल की बस पानी में डूबी, बड़ा हादसा टला



शिवपुरी।
आज सुबह एक रोंगटे खड़े कर देने वाली घटना में ख़तौरा कस्बे के रूपरिक हाईस्कूल की स्कूली बस तेज बहाव वाले रपटे को पार करते हुए बह गई। करीब 30 स्कूली बच्चों से भरी यह बस पेड़ों के बीच फंस गई, और कुछ पलों के लिए बच्चों की जिंदगी भी उसी जगह अटक गई। गनीमत रही कि ग्रामीणों ने सभी बच्चों को सकुशल बाहर निकाल लिया।

रपटे पर बहाव तेज, लेकिन चालक ने नहीं थामी रफ्तार

मगरौरा और बिजरौनी से बच्चों को लेकर लौट रही बस जैसे ही खतौरा के पास एक रपटे पर पहुंची, तेज बहाव को नजरअंदाज कर चालक ने बस उतार दी। बस फिसलते हुए बहने लगी और पास लगे पेड़ों में जा अटकी। बस में बैठे बच्चों की चीख-पुकार से पूरा माहौल गूंज उठा।

गांववालों ने दिखाई हिम्मत, वक्त रहते पहुंचकर बचाई जान

गांव के ग्रामीण तुरंत मौके पर पहुंचे। कमर तक पानी, तेज बहाव और बस में फंसे बच्चे, लेकिन स्थानीय लोगों ने अपनी जान की परवाह किए बिना एक-एक बच्चे को बाहर निकाला। कोई रस्सी लेकर आया, कोई कंधा बन गया, किसी ने बच्चा उठाया तो किसी ने हौसला। आखिरकार, सभी बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।

नेता की स्कूल, लेकिन सुरक्षा के इंतज़ाम नदारद

सूत्रों की मानें तो जिस स्कूल की बस इस खतरनाक हादसे का शिकार हुई, वह कोलारस विधायक महेन्द्र यादव की पुत्री और जिला पंचायत अध्यक्ष नेहा यादव का बताया जा रहा है। हादसे के बाद सवाल उठ रहे हैं कि आखिर स्कूल प्रबंधन ने बच्चों की सुरक्षा के लिए क्या व्यवस्था की थी? बारिश के मौसम में जलपार रास्तों पर स्कूल बसें भेजना क्या जिम्मेदार फैसला था?

डरे-सहमे मासूम, ग्रामीणों ने दिया सहारा

बच्चों को सुरक्षित निकालने के बाद ग्रामीणों ने उन्हें अपने घरों में शरण दी, खाना खिलाया और परिजनों को सूचना दी। घटना के बाद कई बच्चे सहमे हुए थे और कुछ रोते हुए अपनी मां को याद कर रहे थे।

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