विधायक प्रीतम लोधी का तंज- पेड़ लगते हैं कम, बिल उगते हैं ज़्यादा!
शिवपुरी। शिवपुरी के जंगल अब शेर-चीतों की दहाड़ से नहीं, पेमेंट स्लिप्स की सरसराहट और बिलों की खरखराहट से गूंज रहे हैं। मध्यप्रदेश विधानसभा में पिछोर से भाजपा विधायक प्रीतम लोधी ने शिवपुरी वन विभाग की कार्यशैली पर ऐसा व्यंग्यात्मक हमला बोला कि पूरा सदन कुछ देर के लिए चुप और फिर हैरान रह गया।
विधानसभा में प्रीतम लोधी बोले- डीएफओ साहब का प्लांटेशन इतना गोपनीय है कि खुद पेड़ भी नहीं जानते कि वे कहां लगाए गए हैं! बिना वेरिफिकेशन करोड़ों का भुगतान कर दिया गया। लगता है यहां बिल, पेड़ों से भी तेज़ी से उगते हैं! लोधी ने दावा किया कि स्थानीय मजदूरों के नाम पर भुगतान दिखाया गया, जबकि रकम ट्रांसफर हुई ऐसे खातों में जो मजदूरी से ज़्यादा मोबाइल रिचार्ज में व्यस्त हैं। विधायक ने डिप्टी रेंजर मुंशीलाल यादव पर तंज कसते हुए कहा कि17 साल से एक ही रेंज में जमे हुए हैं। या तो कुर्सी में चुम्बक है, या फिर इनकी पैंट में लोहे की चेन! ऐसी वफादारी तो पुराने प्रेमी भी नहीं निभाते! वन विभाग में भ्रष्टाचार को लेकर लोधी ने कहा कि यहां प्रमोशन मेहनत से नहीं, मोबाइल पेमेंट से होता है। जो जितना ट्रांसफर करे, वो उतना ऊपर। ईमानदार कर्मचारी तो स्लाइड कर-कर के नीचे ही रह जाता है, और चालाक लोग बंदर की तरह ऊपर चढ़ जाते हैं! श्री लोधी ने तंज कसते हुए कहा कि यह पहला मौका नहीं है जब शिवपुरी वनमंडल पर सवाल उठे हैं, लेकिन पहली बार पार्टी के ही विधायक ने हरियाली योजना के पीछे छिपे भ्रष्टाचार पर इस तरह व्यंग्यबाण चलाए हैं। अब खुद वनकर्मी भी उलझन में हैं कि वे पौधारोपण करने आए थे या सिस्टम में फंसे पेड़ बनने।