सरस्वती विद्यापीठ बना खेलों का अखाड़ा: परंपरा, पंचकोष और पहलवानों ने बांधा समां

MP DARPAN
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शिवपुरी।
जब परंपरा, ऊर्जा और शिक्षा एक साथ मंच साझा करें, तो नज़ारा कुछ खास हो जाता है। ऐसा ही कुछ देखने को मिला सरस्वती विद्यापीठ आवासीय विद्यालय शिवपुरी में, जहां विद्याभारती मध्यभारत प्रांत की पहल पर आयोजित खेल महोत्सव ने विद्यार्थियों में जोश की चिंगारी सुलगा दी। दीप प्रज्ज्वलन और सरस्वती वंदना के साथ शुभारंभ हुआ इस महोत्सव का, जहां मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद थे विकासखंड शिक्षा अधिकारी मनोज निगम, विशिष्ट अतिथि के रूप में जिला खेल अधिकारी चंद्रशेखर वेमटे और अध्यक्षता कर रहे थे विद्यालय के प्रबंधक पवन शर्मा। अतिथि परिचय का दायित्व निभाया वरिष्ठ आचार्य देशबंधु गौतम ने जबकि स्वागत किया खेल संयोजक लोकेंद्र सिंह कौरव और खेल आचार्य रोशन पाठक ने पारंपरिक तिलक और श्रीफल भेंट कर। मंच संचालन में जान फूंकी अवनीश श्रीवास्तव ने।

अपने उद्बोधन में श्री निगम ने कहा, खेल मैदान जीवन की प्रयोगशाला है, जहां हार-जीत से ज्यादा सीख मायने रखती है। वहीं श्री शर्मा ने पंचकोषीय विकास की बात करते हुए बताया कि प्राचीन भारतीय खेल न सिर्फ शरीर को, बल्कि मन और आत्मा को भी मजबूत बनाते हैं। इसके बाद आया महोत्सव का सबसे प्रतीक्षित क्षण कुश्ती दंगल, जहां मिट्टी के अखाड़े में पसीना बहाते नन्हें पहलवानों ने परंपरा, अनुशासन और दमखम का ऐसा संगम दिखाया कि दर्शकों की तालियों ने मैदान गूंजा दिया। विद्यालय के सभी छात्र और आचार्य इस आयोजन में न सिर्फ दर्शक बल्कि सक्रिय सहभागी भी रहे। कार्यक्रम के अंत में लोकेंद्र सिंह कौरव ने सभी उपस्थितजनों, आयोजकों और विद्यार्थियों का आभार व्यक्त किया।


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