फिर बगीचा सरकार मंदिर पर शपथ, अविश्वास या इस्तीफा
शिवपुरी। नगर पालिका शिवपुरी की राजनीति अब जन समस्याओं से हटकर कुर्सी समस्याओं में उलझी नजर आ रही है। नपाध्यक्ष गायत्री शर्मा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले भाजपा व कांग्रेस पार्षद लगातार बगावती तेवर में हैं। भाजपा की लाख समझाइश और अनुशासन की दुहाई के बावजूद बागी पार्षद पीछे हटने को तैयार नहीं। अब इसका फैसला 25 अगस्त को होगा।
जहां जनता रोज पानी और सफाई की किल्लत से जूझ रही है, वहीं नपा से अध्यक्ष नदारद हैं और पार्षद फिर से करैरा स्थित बगीचा सरकार हनुमान मंदिर पहुंचे, वहां दोबारा शपथ ली कि नपाध्यक्ष को हटाकर ही दम लेंगे। गंदे पानी, कचरे और अंधेरी गलियों के बीच जनता तो रोज अनजाने में शपथ लेती है, पर पार्षद अब इसे मंदिर की चौखट तक ले आए हैं।
सर्किट हाउस में समझाइश का खेल
प्रभारी मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर और जिलाध्यक्ष जसमंत जाटव ने सर्किट हाउस में बागी पार्षदों को बुलाकर समझाइश दी कि अविश्वास प्रस्ताव वापस लो, तीन माह में समीक्षा होगी। लेकिन पार्षदों का कहना साफ है कि या तो अध्यक्ष हटाओ, या हमारे इस्तीफे स्वीकार करो।
39 पार्षद, 47 हस्ताक्षर: नपा का नया सियासी गणित
नगर पालिका अध्यक्ष गायत्री शर्मा को हटाने की मुहिम में बागी पार्षदों ने 31 हस्ताक्षरों वाला पत्र भाजपा जिलाध्यक्ष को सौंपा, जबकि नपाध्यक्ष ने 16 पार्षदों के हस्ताक्षर पेश कर समर्थन का दावा किया। लेकिन नपा में कुल 39 पार्षद हैं, जबकि सामने आ गए 47 हस्ताक्षर। यानी कुछ पार्षदों ने दोनों पक्षों में हस्ताक्षर कर दिए। अब जांच होगी कि कौन किसके साथ है। जनता पूछ रही है कि जहां 39 सदस्य हों, वहां 47 हस्ताक्षर कैसे? यह राजनीति है या गणित का नया खेल? कुर्सी की लड़ाई ने पार्षदों को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है।
गुस्से में पार्षद, बेचैनी में भाजपा
बैठक में पार्षदों ने पूर्व जिलाध्यक्ष राजू बाथम को भी जमकर घेरा। जब शहर की दुर्दशा पर ध्यान देना था, तब आप चुप थे, अब अध्यक्ष बचाने आए हैं। महिला पार्षद भी मुखर रहीं और बागी खेमे ने साफ कहा कि वे अब पीछे नहीं हटेंगे।
बागियों की जिद या शहर हित की जंग?
नगर पालिका में जारी सियासी घमासान के बीच बागी पार्षदों ने साफ कहा है कि उनकी लड़ाई किसी पद की नहीं बल्कि शहर की बदहाली के खिलाफ है। पार्षदों का आरोप है कि गायत्री शर्मा के अध्यक्ष बनने के बाद पानी की किल्लत, गंदगी, अंधेरी गलियां और भ्रष्टाचार ने नगर को बेहाल कर दिया है। अब ऐसी स्थिति में हमने मंदिर में शपथ ली है, अब पीछे हटना जनता के साथ विश्वासघात होगा।