मेडिकल कॉलेज शिवपुरी की अनूठी पहल- रैली और नुक्कड़ नाटक से दिया संदेश
शिवपुरी। कभी आपने सोचा है कि मौत भी किसी और की ज़िंदगी का कारण बन सकती है? यही सोच लेकर श्रीमंत राजमाता विजयाराजे सिंधिया मेडिकल कॉलेज, शिवपुरी के शरीर रचना विभाग ने देहदान जागरूकता अभियान की शुरुआत की। अधिष्ठाता डॉ. डी. परमहंस के मार्गदर्शन और एनाटॉमी विभागाध्यक्ष डॉ. ईला गुजारिया के नेतृत्व में कॉलेज परिसर से लेकर शहर के प्रमुख चौराहों और जिला अस्पताल तक रैली और नुक्कड़ नाटक का आयोजन हुआ। एमबीबीएस छात्र-छात्राओं ने पोस्टर और नारों के जरिए बताया कि कैडेवर मेडिकल छात्रों का पहला गुरु होता है और देहदान न केवल शिक्षा का आधार है बल्कि मानवता का महादान है।
डॉ. ईला गुजारिया ने कहा कि मेडिकल छात्रों के लिए मानव शरीर की उपलब्धता हमेशा चुनौती रही है। देहदान न केवल शोध और अध्ययन का आधार बनता है बल्कि यह समाज में फैली भ्रांतियों और मिथकों को तोड़ने का भी माध्यम है। यही वजह है कि हमने नुक्कड़ नाटक जैसी अनूठी मुहिम शुरू की है। अधिष्ठाता डॉ. डी. परमहंस ने भी कहा कि नुक्कड़ नाटक और रैली से संदेश लोगों के दिल तक पहुँचता है। मृत्यु को अंत नहीं, बल्कि किसी और की नई शुरुआत के रूप में समझाना ही इस अभियान का उद्देश्य है। रैली में शामिल छात्रों और शिक्षकों का जगह-जगह स्वागत हुआ। लायंस क्लब शिवपुरी सेंट्रल के अशोक ठाकुर, विनोद शर्मा, रवि शंकर, अनिल उपाध्याय, जयदेव, आनंद सहित साथियों ने पुष्पगुच्छ और शीतल पेय भेंटकर उत्साहवर्धन किया और सहयोग का आश्वासन दिया। इस दौरान डॉ. आशुतोष चौऋषि (अधीक्षक), डॉ. राजेश अहिरवार (कम्यूनिटी मेडिसिन विभागाध्यक्ष), डॉ. जितेश गुजारिया, डॉ. मुकेश मित्तल, डॉ. विवेक कुमार, डॉ. अजितेश यादव, डॉ. ललिता, डॉ. उमेश, डॉ. दायिन मंजूर, सहायक पीआरओ राहुल अष्ठाना सहित वरिष्ठ चिकित्सकों ने भी भाग लेकर छात्रों का मनोबल बढ़ाया।
छात्रों की भावनाएँ: मौत के बाद भी जीवन का सपना
👉शरीर दान वह विरासत है, जो हमें मृत्यु के बाद भी ज़िंदा रखती है। – अमित कुमार
👉फर्स्ट ईयर के छात्र होने पर गर्व है, लेकिन सबसे बड़ा गर्व इस संदेश को समाज तक पहुँचाने में है। – चार्वी वर्मा
👉देहदान अनगिनत मुस्कानों का कारण बन सकता है। कैडेवर हमारा प्रथम गुरु है। – सृष्टि शर्मा
👉हम केवल विद्यार्थी नहीं, बल्कि जीवन बचाने का संदेश देने वाले दूत हैं। – खुशी राय
👉मेरे जाने के बाद भी अगर मेरा शरीर किसी डॉक्टर को पढ़ाई में या किसी की ज़िंदगी बचाने में मदद कर दे तो इससे बड़ी बात क्या होगी? – याशिका
👉मृत्यु अंत नहीं, बल्कि किसी और की नई शुरुआत है। – अमन मिश्रा
👉देहदान से मिलने वाला ज्ञान चिकित्सा शोध का आधार है। – रोशन