शिवपुरी। खरीफ फसल कटाई के बाद खेतों में नरवाई (फसल अवशेष) जलाने की घटनाओं पर अब शिवपुरी जिला प्रशासन पूरी तरह सख्त हो गया है। कलेक्टर रवीन्द्र कुमार चौधरी ने साफ निर्देश दिए हैं कि नरवाई जलाना पूर्णत: प्रतिबंधित है। यदि कोई किसान या व्यक्ति ऐसा करता पकड़ा गया, तो उस पर 2500 रूपए से 15,000 रूपए तक का अर्थदंड लगाया जाएगा।
कलेक्टर ने कहा कि नरवाई जलाने से जन-धन की हानि होती है, वातावरण का तापमान और प्रदूषण बढ़ता है, भूमि की उर्वरा शक्ति व सूक्ष्म जीव नष्ट हो जाते हैं, खेत की जल धारण क्षमता घट जाती है।
कृषकों को दिए सुझाव
प्रशासन ने किसानों से अपील की है कि नरवाई जलाने के बजाय सुपरसीडर, हैप्पीसीडर, स्मार्टसीडर और रोटावेटर जैसे आधुनिक कृषि यंत्रों का उपयोग करें। इससे खेतों में कार्बनिक पदार्थों की मात्रा बढ़ेगी, मिट्टी की उपजाऊ शक्ति मजबूत होगी और अगली फसल की उत्पादकता भी बढ़ेगी।
अधिकारियों के साथ विशेष बैठक
नरवाई प्रबंधन को लेकर कार्यालय उप संचालक कृषि में बैठक आयोजित की गई। इसमें कृषि विज्ञान केन्द्र पिपरसमा के वैज्ञानिक, सहायक कृषि यंत्री, कृषि अभियांत्रिकी विभाग और फील्ड अमला मौजूद रहा। अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि नरवाई प्रबंधन के उपकरण समय पर उपलब्ध कराए जाएं और तय लक्ष्यों की पूर्ति सुनिश्चित हो।