शिवपुरी। शहर के हृदय स्थल माधव चौक चौराहे पर श्री गजकर्णक सेवा समिति द्वारा गणेश चतुर्थी से प्रतिदिन सजीव और मनमोहक झांकियों का आयोजन किया जा रहा है। झांकियों ने श्रद्धालुओं को धर्म, आस्था और पौराणिक इतिहास से जोड़ते हुए भक्ति रस में सराबोर कर दिया।
प्रथम झांकी : श्रीराम दरबार
झांकियों की शुरुआत श्रीराम दरबार की भव्य झांकी से हुई। इसमें भगवान श्रीराम, माता सीता, भाई लक्ष्मण और भक्त हनुमान का दिव्य दरबार प्रस्तुत किया गया। झांकी ने यह संदेश दिया कि जीवन में मर्यादा, भक्ति और धर्म पालन ही सर्वोच्च है।
दूसरी झांकी : कालिया मर्दन
अंतिम झांकी में श्रीकृष्ण द्वारा यमुना नदी में बसे विषधर कालिया नाग का दमन करते हुए दृश्य दर्शाया गया। नन्हे कृष्ण का यह अलौकिक स्वरूप भक्तों के रोम-रोम में भक्ति का संचार करता नजर आया।
तीसरी झांकी : हनुमान जी द्वारा तुलसीदास को भगवान श्रीराम के दर्शन कराना
इस अद्भुत झांकी में दिखाया गया कि कैसे भक्त शिरोमणि हनुमान जी ने महाकवि तुलसीदास को भगवान श्रीराम के प्रत्यक्ष दर्शन कराए। श्रद्धालुओं ने इस दृश्य को देखकर गगनभेदी जयकारे लगाए।
चौथी झांकी : भागीरथ द्वारा मां गंगा का पृथ्वी पर आगमन
भागीरथ जी की कठोर तपस्या के फलस्वरूप मां गंगा का स्वर्ग से पृथ्वी पर अवतरण का दृश्य आकर्षण का केंद्र रहा। यह झांकी मानव कल्याण और तपस्या की शक्ति का संदेश देती है।
पांचवीं झांकी : पंचवटी पर शूर्पणखा का आगमन
रामायण का यह प्रसंग झांकी में बखूबी सजाया गया। इसमें शूर्पणखा का पंचवटी में आगमन और उसके बाद के घटनाक्रम को दिखाया गया, जिसने आगे चलकर राम-रावण युद्ध का मार्ग प्रशस्त किया।
छठी झांकी : बकासुर वध
भगवान श्रीकृष्ण द्वारा वृंदावन में बकासुर दैत्य का वध करने का दृश्य जीवंत किया गया। बाल कृष्ण की यह झांकी दर्शाती है कि सच्चे धर्म और भक्ति के आगे अधर्म व अत्याचार का अंत निश्चित है।
समिति की सराहना
श्रद्धालु देर रात तक झांकियों का आनंद लेते रहे। गजकर्णक सेवा समिति की ओर से प्रतिदिन हो रहे धार्मिक आयोजन ने नगरवासियों को भक्ति और संस्कृति से जोड़े रखा। इस अवसर पर मंगलवार को भटनावर पंचायत के सरपंच संजय अवस्थी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने भगवान श्रीगणेश जी आरती की एवं समिति के सामाजिक व धार्मिक कार्यों की सराहना की और निरंतर ऐसे आयोजन जारी रखने का आह्वान किया।


