भोपाल। मध्यप्रदेश कैडर के आईएएस अफसरों के लिए यह बड़ी चेतावनी है। केंद्र सरकार ने साफ निर्देश दिए हैं कि जो अधिकारी तय समय सीमा तक अपनी अचल संपत्ति का वार्षिक ब्योरा ऑनलाइन दर्ज नहीं करेंगे, उन्हें प्रमोशन से वंचित कर दिया जाएगा।
कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने आदेश जारी कर कहा है कि हर आईएएस अधिकारी को अपनी चल और अचल संपत्ति का विवरण हर साल 31 जनवरी तक स्पैरो (SPARROW) पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य है। इसमें पैतृक संपत्ति, स्वयं या पत्नी के नाम पर खरीदी गई संपत्ति का विवरण देना होगा। नियम 16(2), अखिल भारतीय सेवा कंडक्ट रूल्स 1968 के तहत यह प्रक्रिया अनिवार्य है और इसका सीधा असर पदोन्नति पर पड़ेगा। सूत्रों के मुताबिक, प्रदेश में कुल 459 आईएएस पद स्वीकृत हैं, जिनमें से 377 अधिकारी कार्यरत हैं। इनमें से करीब एक दर्जन अधिकारी हर साल संपत्ति का ब्योरा ही नहीं देते, जबकि 20 से अधिक अफसर देर से ब्योरा अपलोड करते हैं। बीते वर्षों में भी कई अफसरों को प्रमोशन इसलिए नहीं मिल सका क्योंकि उन्होंने समय पर संपत्ति विवरण अपलोड नहीं किया था। राज्य सरकार ने सभी अधिकारियों को पत्र जारी कर सख्त चेतावनी दी है कि इस बार किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। तकनीकी कारण, जैसे ओटीपी न आना आदि, को बहाना बनाकर देरी करने वालों को भी राहत नहीं मिलेगी।
ओबीसी आरक्षण मामले में दिलीप कुमार कापसे बने नए प्रभारी अधिकारी
इधर, ओबीसी को 27% आरक्षण देने से जुड़े सुप्रीम कोर्ट के मामलों की पैरवी के लिए राज्य सरकार ने प्रभारी अधिकारी बदल दिया है। अब यह जिम्मेदारी सामान्य प्रशासन विभाग के आरक्षण प्रकोष्ठ के उप सचिव दिलीप कुमार कापसे को सौंपी गई है। वे चिकित्सा शिक्षा संचालक अरुण कुमार श्रीवास्तव का स्थान लेंगे। कापसे अब सभी रिट याचिकाओं के अभिवचनों पर हस्ताक्षर करेंगे और अदालत में राज्य का पक्ष रखेंगे।