स्मार्ट मीटर और 94,000 स्कूलों को बंद करने की नीति वापस लेने की मांग पर आयोजित हुआ जिला स्तरीय पब्लिक कन्वेंशन
शिवपुरी। शहर के लुधावली स्थित एक निजी स्कूल में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाने और 94 हजार से अधिक सरकारी स्कूलों को बंद कर सान्दीपनि स्कूलों में मर्ज करने की नीति के खिलाफ 6 सितंबर को जिला स्तरीय पब्लिक कन्वेंशन का आयोजन हुआ। इस कन्वेंशन में बड़ी संख्या में उपभोक्ता, छात्र और अभिभावक शामिल हुए और सरकार की इन दोनों नीतियों को जनता विरोधी करार दिया।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता बिजली उपभोक्ता मंच म.प्र. राज्य कमेटी सदस्य मनीष श्रीवास्तव ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न शहरों में स्मार्ट मीटर लगने के बाद आम जनता बेहाल है। “जहां 100–200 रुपये के बिल आते थे, वहां अब हजारों-लाखों रुपये के बिल थमा दिए जा रहे हैं। यहां तक कि एक किसान का बिल 2 लाख 62 हजार तक पहुंच गया,” श्रीवास्तव ने कहा। उन्होंने चेताया कि यह मीटर निजी कंपनियों के हित में हैं और जनता को गुलाम बनाने की साजिश है। इसी मंच से श्रीवास्तव ने स्कूलों को बंद करने की नीति पर भी तीखा प्रहार किया। उन्होंने बताया कि वर्ष 2016 से अब तक प्रदेश में 29,945 सरकारी स्कूल बंद किए जा चुके हैं। जहां कभी 1.21 लाख सरकारी स्कूल थे, अब यह संख्या घटकर 92 हजार रह गई है। सरकार इन्हें घटाकर केवल 10 हजार सी.एम.राइज/सान्दीपनि स्कूल चलाना चाहती है, वह भी निजी हाथों में देने की योजना के साथ। उन्होंने कहा कि जब प्रदेश में 44,620 शिक्षक पद खाली हैं, हजारों स्कूल एक शिक्षक के भरोसे चल रहे हैं और कई स्कूलों में तो शौचालय तक नहीं हैं, तब सरकार का स्कूल बंद करना और शिक्षा का निजीकरण करना बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। कन्वेंशन में निर्णय लिया गया कि यदि स्मार्ट मीटर और स्कूल बंद करने की नीति वापस नहीं ली गई तो शिवपुरी से लेकर भोपाल तक बड़ा जनआंदोलन खड़ा किया जाएगा। बिजली विभाग की घेराबंदी और राज्य स्तरीय प्रदर्शन की तैयारी की जाएगी। कार्यक्रम का संचालन शिक्षा बचाओ समिति के जिला संयोजक देवेंद्र सैन ने किया।