भोपाल। पुलिस आयुक्त हरिनारायणाचारी मिश्र और अतिरिक्त पुलिस आयुक्त पंकज श्रीवास्तव के निर्देशन पर क्राइम ब्रांच भोपाल ने अंतर्राज्यीय हथियार नेटवर्क का बड़ा पर्दाफाश किया है। कार्रवाई में टीकमगढ़ ज़िले के ग्राम चंदेरी थाना कुड़ीला और ग्राम रामगढ़ थाना जतारा से दो अवैध आर्म्स फैक्ट्रियाँ पकड़ी गईं।
क्राइम ब्रांच की टीम को सूचना मिली थी कि वाहन चोरी और अवैध हथियार गैंग से जुड़े अपराधी भोपाल में सक्रिय हैं। दबिश में तीन संदिग्धों को पकड़ा गया, जिनके कब्जे से वाहन और पिस्टल बरामद हुए। पूछताछ में मुख्तार खान का नाम सामने आया, जिसके पास से उच्च गुणवत्ता की पिस्टल मिली। मुख्तार ने बताया कि हथियार उसे सुरेंद्र विश्वकर्मा टीकमगढ़ से 32,000 रुपये में मिला है। इसके बाद क्राइम ब्रांच ने रामगढ़ में छापा मारकर अवैध फैक्ट्रियों का राज़ खोला। आनंदी विश्वकर्मा पिता 40 साल से लेथ मशीन पर खेती के औजारों की आड़ में पिस्तौल बनाता रहा। सुरेंद्र विश्वकर्मा बेटा कई केसों में जेल काट चुका, जनवरी 2025 में छूटा और फिर बड़े स्तर पर हथियार निर्माण शुरू किया। नाती-पोते, पिता-बेटे जेल में भी रहे, फिर भी कारोबार नहीं रुका, नाबालिग को भी इस धंधे में लगाया गया।
कारोबार का तरीका
फैक्ट्री में सभी कलपुर्ज़े खुद बनाए जाते ताकि ज्यादा मुनाफा मिले। वेयरहाउस किराए पर लेकर वहाँ मशीनें लगाईं और मालिक को पार्टनर बनाया। कारोबार पूरी तरह गोपनीय निर्माण परिवार करता था, बिक्री बाहरी सहयोगियों से। स्थानीय जोखिम से बचने के लिए ज्यादातर सप्लाई उत्तर प्रदेश में की जाती थी।
जब्त माल
2 लेथ मशीनें, ग्राइंडर, वेल्डिंग मशीनें, ड्रिल मशीनें, बड़ी मिलिंग मशीन, अधबनी 3 पिस्तौल, 1 देसी पिस्टल, बैरल, कारतूस, मैगज़ीन, ट्रिगर, स्लाइडर, बट की लकड़ियाँ, स्प्रिंग सहित सैकड़ों कलपुर्ज़े, कृषि औजार बनाने का ढोंग करने वाले उपकरण
आरोपी और उनकी भूमिका
सुरेंद्र विश्वकर्मा – मुख्य आरोपी, 16 आपराधिक प्रकरण दर्ज, अवैध हथियार बनाने वाला।
आनंदी विश्वकर्मा – पिता, जिसने हथियार बनाना सिखाया।
मुख्तार खान – भोपाल निवासी, पिस्टल खरीदते व बेचते पकड़ा गया।
सैफ अली उर्फ रिंकू (इंदौर) – पिस्टल/कट्टा खरीदा।
मुमताज अली (टीकमगढ़) – कई केस दर्ज, अवैध हथियार खरीदार।
नरेंद्र प्रताप सिंह परमार – फार्महाउस पर फैक्ट्री चलाता था, फरार एवं अन्य 5–6 अज्ञात आरोपी भी संलिप्त।
पुलिस टीम की सराहनीय भूमिका
निरीक्षक अनिल यादव, निरीक्षक भूपेन्द्र दीवान, उ.नि. कलीमउद्दीन, सउनि सादिक खान समेत क्राइम ब्रांच भोपाल और टीकमगढ़ पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई कर इस नेटवर्क को ध्वस्त किया।