अतिक्रमण हटाने पहुँची वन टीम पर ग्रामीणों ने बोला लाठी-डंडों से हमला, सुरक्षाकर्मी घायल, पुलिस ने संभाला मोर्चा

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वन भूमि पर कब्जे की साजिश नाकाम, करैरा वन टीम पर दूसरी बार हुआ हमला

शिवपुरी। जिले में वन भूमि पर कब्जे की कोशिशें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। शनिवार को ग्राम जुगहा के समीप बीट वनगवा-लालपुर क्षेत्र में वन विभाग की अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान हालात अचानक तनावपूर्ण हो गए। पाल समाज के कुछ लोगों ने लाठी-डंडों से हमला कर वन सुरक्षा कर्मी को घायल कर दिया, जिससे मौके पर अफरा-तफरी मच गई। करैरा में वन टीम पर यह दूसरी बार हमला हुआ है। 

करैरा वन परिक्षेत्र अधिकारी लक्ष्मण सिंह मीणा के अनुसार सब रेंज करैरा का वन अमला वनगवा-लालपुर के जंगल क्षेत्र में ग्रामीणों द्वारा लगाई गई अवैध बागड़ हटाने पहुँचा था। वन भूमि पर कब्जे की यह कोशिश लंबे समय से की जा रही थी। जैसे ही अमला बागड़ हटाने लगा, तभी ग्रामीणों ने आक्रोशित होकर टीम पर टूट पड़े। हमले में शामिल आरोपियों की पहचान मुन्ना पाल, भगवत पाल, रघुवीर ठाकुर, गोविंदी पाल और घनश्याम सिकरवार सहित 4-5 अन्य ग्रामीणों के रूप में हुई है। हमले में एक वन सुरक्षा श्रमिक गंभीर रूप से घायल हो गया। घटना की सूचना मिलते ही थाना अमोला पुलिस तत्काल मौके पर पहुँची और हालात पर काबू पाया। समाचार लिखे जाने तक पुलिस यह तय कर रही है कि मामला करैरा थाने में दर्ज होगा या अमोला थाने में।

वन परिक्षेत्र अधिकारी मीणा ने जताई चिंता

करैरा वन परिक्षेत्र अधिकारी लक्ष्मण सिंह मीणा ने बताया कि वन क्षेत्र में अतिक्रमण एक बड़ी चुनौती बन चुका है। ऐसी कार्रवाई के दौरान ग्रामीण अक्सर हिंसक हो जाते हैं, जबकि वन अमले को बल प्रयोग की अनुमति नहीं होती। हम वरिष्ठ अधिकारियों से मांग करेंगे कि अतिक्रमण हटाने व बेदखली के लिए विशेष पुलिस बल की स्थायी व्यवस्था की जाए। इस हमले से वन विभाग के कर्मचारियों में भारी आक्रोश है। उनका कहना है कि जब तक वन क्षेत्र की सुरक्षा के लिए पुलिस बल की निरंतर तैनाती नहीं की जाएगी, तब तक ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति होती रहेगी।

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