शिवपुरी। किसानों के लिए अब खेतों में फसल कटाई के बाद बची नरवाई ठूंट और डंटल जलाना महंगा पड़ेगा। कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट रविन्द्र कुमार चौधरी ने जिले में नरवाई जलाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के आदेश जारी किए हैं। आदेश का उल्लंघन करने पर किसानों को जुर्माना देना होगा और कानूनी कार्रवाई भी झेलनी पड़ेगी। कलेक्टर ने यह कदम वायु प्रदूषण रोकने और खेतों में आगजनी की घटनाओं को टालने के लिए उठाया है।
आदेश के मुताबिक फसल कटाई के लिए इस्तेमाल होने वाले हार्वेस्टर पर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम लगाना अनिवार्य होगा, ताकि खेत में बचा अवशेष वहीं भूसे में बदल जाए। हर हार्वेस्टर संचालक को फसल कटाई से पहले कृषि विभाग में पंजीयन कराना होगा और मशीन के ऑपरेटर व स्टाफ की जानकारी देनी होगी। यदि कोई किसान बिना स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम के कटाई कराने का दबाव डाले तो हार्वेस्टर संचालक को तुरंत ग्राम पंचायत, पुलिस या तहसील प्रशासन को सूचना देनी होगी। हार्वेस्टर मशीन से निकलने वाली चिंगारी से आग लगने की संभावना को देखते हुए अग्निशामक यंत्र, रेत और पानी की व्यवस्था अनिवार्य होगी।
एनजीटी के निर्देशानुसार नरवाई जलाने पर पर्यावरणीय मुआवजा वसूला जाएगा
2 एकड़ से कम भूमि वाले किसान- 2,500 प्रति घटना
2 से 5 एकड़ के बीच भूमि वाले किसान- 5,000 प्रति घटना
5 एकड़ से अधिक भूमि वाले किसान- 15,000 प्रति घटना
ट्रांसफार्मर से खतरे पर सख्ती
कलेक्टर ने बिजली विभाग को भी निर्देश दिए हैं कि खेतों के पास लगे ट्रांसफार्मरों की जांच करें। खतरा होने पर किसान की सहमति से ट्रांसफार्मर के आसपास 10 बाई 10 फीट का क्षेत्र खाली रखा जाए, ताकि शॉर्ट सर्किट से आगजनी की घटनाओं को रोका जा सके।
उल्लंघन पर होगी सख्त कार्रवाई
जो भी व्यक्ति आदेश का उल्लंघन करेगा, उसके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 223, वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम 1981 और अन्य संबंधित कानूनों के तहत कार्रवाई होगी। साथ ही पर्यावरणीय मुआवजा भी वसूला जाएगा।