शिवपुरी। विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षण संस्थान की सप्तशक्ति संगम योजना के तहत सरस्वती शिशु मंदिर करैरा में मातृशक्ति संगोष्ठी का भव्य आयोजन हुआ। कार्यक्रम शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया, जिसमें नगर की सैकड़ों मातृशक्तियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के पूजन और दीप प्रज्वलन के साथ सरस्वती वंदना से हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता नगर परिषद करैरा की अध्यक्ष श्रीमती शारदा रामस्वरूप रावत ने की, जबकि मुख्य अतिथि के रूप में प्रांत संयोजिका श्रीमती नीता गोस्वामी और विभाग संयोजिका श्रीमती दीपमाला शर्मा उपस्थित रहीं।
प्रस्तावना भाषण में श्रीमती अर्चना विनीत दुबे ने गीता के श्लोक का उल्लेख करते हुए नारी के सात दिव्य गुण श्री, वाक्, स्मृति, धृति, मेधा, कीर्ति और क्षमा को समाज विकास की आधारशिला बताया। मुख्य वक्ता श्रीमती नीता गोस्वामी ने अपने प्रेरक उद्बोधन में नारी को लक्ष्मी, सरस्वती और दुर्गा के स्वरूप में वर्णित करते हुए कहा कि नारी शक्ति सृष्टि की जननी और परिवार की धुरी है। उन्होंने समाज में पर्यावरण संरक्षण, सामाजिक समरसता, बौद्धिक विकास और संस्कार निर्माण की दिशा में महिलाओं की भूमिका को रेखांकित किया। श्रीमती दीपमाला शर्मा ने कहा कि आज की नारी घर-परिवार के साथ राष्ट्र निर्माण में भी समान भूमिका निभा रही है। कार्यक्रम में देश सेवा में लगे बेटा-बेटियों के माता-पिता को सम्मानित किया गया। साथ ही, समाज में विशिष्ट योगदान देने वाली नारी शक्तियों मीरा देवी रामदयाल ग्वाल, हेमलता अटल तिवारी, मनीषा सतीश नगरिया, किरण योगेंद्र पांडे (पत्रकार) और हेमवती गुलाब सिंह रावत को स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया गया। महिलाओं के बीच आयोजित प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में सही उत्तर देने वाली प्रतिभागियों को भी पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम का संचालन विद्यालय की छात्राओं ने किया तथा संयोजन की जिम्मेदारी अर्चना दुबे ने निभाई। अंत में सीमा बंसल ने सभी अतिथियों व मातृशक्ति का आभार व्यक्त किया।


