सभा में कहा जनता ने कांग्रेस को किया रिजेक्ट, राहुल और सिंधिया जैसे नेता चुनाव हार गए
शिवपुरी। 1993 से लगातार पिछोर विधानसभा क्षेत्र से 6 बार कांग्रेस विधायक रहे केपी सिंह का क्या कांग्रेस से मोह भंग हो रहा है और वह नए राजनैतिक रास्ते तलाश रहे हैं, यह सवाल अब पूछा जाने लगा है। 6 बार के विधायक होने के बाद भी मंत्री न बनाए जाने की पीड़ा उनके मन में है। जबकि दो बार के विधायकों को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। कल अपने निर्वाचन क्षेत्र पिछोर के बीजासन मंदिर में सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने साफ साफ कहा कि जनता अब कांग्रेस के साथ नहीं है। कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में 10 प्रतिशत सीटें भी नहीं मिल पाई और कांग्रेस नेता को विपक्ष के नेता का दर्जा भी नहीं मिल पाया। कांग्रेस के अच्छे अच्छे नेता चुनाव हार गए। जिनमें पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी से लेकर ज्योतिरादित्य ङ्क्षसंधिया भी शामिल हैं जो आज तक कभी चुनाव नहीं हारे। श्री सिंह ने कहा कि मेरे मन में भी संतुष्टि नहीं है।
सभा में केपी सिंह ने कहा कि विधानसभा में किसी तरह से कांग्रेस की सरकार तो बन गई, लेकिन कांग्रेस का प्रशासन पर दबाव नहीं बन पाया जिससे पुरानी व्यवस्था लूटखसोट, अत्याचार और अनाचार का वातावरण बना हुआ है। कांग्रेस के आने से कुछ परिवर्तन हो रहा है, लेकिन उतना असर दृष्टिगोचर नहीं हो रहा है जितना सरकार बनने के बाद होना चाहिए। लोकसभा में कांग्रेस का सफाया हो जाने से जितना प्रशासनिक सुधार होना चाहिए वह नहीं हो पाया है। श्री सिंह के बयान से जाहिर है कि उनके मन में कहीं न कहीं कांग्रेस के प्रति असंतुष्टि है। क्या इसका कारण उनका मंत्री न बनना है और वह अपनी असंतुष्टि जाहिर कर पार्टी पर दबाव बनाना चाहते हैं अथवा उन्होंने कांग्रेस छोडऩे का निर्णय ले लिया है और वह अब किसी उचित मौके की तलाश में हैं।
वरिष्ठ विधायक कैबिनेट में नहीं हो पाए शामिल
विधायक केपी सिंह के मन में मंत्री न बनने का मलाल है यह उनके भाषण से जाहिर हुआ। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार 15 साल बाद आई है, लेकिन कांग्रेस को पूर्ण बहुमत नहीं मिला। सरकार बनने के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि पार्टी वरिष्ठ विधायकों को कैबिनेट में शामिल करेंगी, लेकिन पूर्ण बहुमत न होने की स्थिति में कैबिनेट के समीकरण बिगड़ गए। दिग्विजय सिंह खेमे के माने जाने वाले केपी सिंह ने कहा कि अभी जनता मेरा साथ दे रही है तो मैं जीत रहा हूं। जिन लोगों को आने वाले समय में पंचायत चुनाव लडऩा है वह अभी से अपना व्यवहार ठीक कर लें। उन्होंने कहा कि चुनाव दिसम्बर में होना था, लेकिन अब जनवरी फरवरी में होंगे। हमारी पार्टी जानती है कि अगर जल्दी चुनाव हुए तो लोकसभा की तरह कांग्रेस का पत्ता साफ हो जाएगा।


